गुरुवार, 22 अगस्त 2024

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How To Talk To Anyone Audiobook in Hindi


दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक वोह जो कहीं जाते हैं और कहते हैं देखिए मैं आ गया और दूसरे वोह जो जब कहीं जाते हैं तो लोग कहते हैं देखिए वह आ गया हम में से अधिकतर लोग खुद को दूसरे प्रकार के लोगों के समूहों में देखना चाहते हैं लेकिन क्या कारण है कि अधिकतर लोग जीवन भर अपनी पहचान नहीं बना पाते अपनी बात नहीं रख पाते या किसी को प्रभावित नहीं कर पाते जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा इसे अपनी बदकिस्मत समझकर स्वीकार कर लेता है और जीवन भर किसी और के दिखाए रास्तों पर चलता रहता है आपने अपने आसपास अक्सर ऐसे लोगों को देखा होगा

(00:38) जो आपसे अधिक बुद्धिमान ना होने के बावजूद अपनी जिंदगी में आम लोगों से काफी बेहतर करते हैं उन्हें देखकर आप यह विचार करने पर मजबूर हो जाते होंगे कि आखिरकार ऐसी क्या चीज है जो उन्हें इतना सफल बनाती है और सबसे महत्त्वपूर्ण बात क्या उस कला को आप भी अपने अंदर ला सकते हैं आपको बता दें कि उन सफल लोगों के पास लोगों के दिलों को जीतने की कला है सफलता के चर्म पर यह लोग अकेले नहीं पहुंचे हैं उन्होंने हर मोड़ पर लोगों को अपनी बातों से प्रभावित किया है और उनका विश्वास जीता है आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि यह कला हर कोई सीख सकता है और अपने आप को

(01:17) सफलता के शिखर पर पा सकता है इसके लिए आपको कुछ बातों को अपने जीवन में उतारना होगा इन बातों को अपनाकर आप लोगों को प्रभावित करने में महारत हासिल कर पाएंगे अधिकतर लोग जीवन भर इस कला को सीखने के लिए कई लोगों से सलाहे लेते हैं लेकिन बिना किसी अनुभवी व्यक्ति के वह अक्सर इसे सीखने में नाकामयाब रहते हैं मगर अब यह तरकीब सिर्फ चंद लोगों तक ही सीमित नहीं रहने वाली है विश्व प्रसिद्ध लेखिका लायल लाउंस की ऐसी किताब जिसे पढ़ने के बाद आपको ऐसे शानदार तरीकों के बारे में जानकारी मिलेगी जिनसे आप हर व्यक्ति को प्रभावित कर पाएंगे तो चलिए आपको ले चलते

(01:56) हैं हाउ टू टॉक टू सक्सेस इन रिलेशनशिप्स समरी के सफर पर इस किताब में दिया गया हर तरीका आम लोगों के जीवन से जुड़ा है जिसके कारण आपको उन्हें व्यवहारिक तौर पर अपनाने में काफी आसानी होगी और इसके साथ आप अपनी जिंदगी का एक शानदार नया अध्याय शुरू कर सकते हैं हम अक्सर अपने आसपास ऐसे लोगों को देखते हैं जो बिना बोले ही अपनी बातें कह देते हैं वह किस बात से सहमत है और किससे नहीं इसके लिए उन्हें बोलने की कोई आवश्यकता ही नहीं पड़ती वह अपनी आंखों और शर के हावभाव से ही अपनी बातें लोगों के सामने रख देते हैं हमें कई बार यह अंदाजा नहीं होता कि लोग

(02:36) हमें किस नजरिए से देखते होंगे लेखिका लायल लाउंस के कार्टूनिस्ट दोस्त हैं रॉबर्ट जो प्रसिद्ध पत्रिकाओं के लिए भावों से भरे कार्टून बनाते हैं रॉबर्ट की एक खास आदत यह है कि वह जब भी किसी क्लब जैसी जगहों पर बैठे होते हैं तब अपने आसपास बैठे अनजान लोगों के चित्र बनाकर उन्हें भेंट करते हैं खास बात तो यह है कि वह ऐसा करते समय उन लोगों को बताते नहीं है कि वो उनका चित्र बना रहे हैं चित्र पूरा होने के बाद जब रॉबर्ट उन व्यक्तियों को उनका चित्र देते हैं तो अक्सर लोग हैरान होकर कहते हैं नहीं इस तस्वीर में बनाया गया व्यक्ति वह नहीं है उसी क्षण

(03:12) उनके आसपास लोग कहते हैं नहीं यह तुम ही हो आखिरकार क्यों बाकी लोगों ने किसी व्यक्ति के चित्र को ज्यादा सटीक पाया सिवाय खुद उस व्यक्ति के जिसका चित्र रॉबर्ट ने बनाया था ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस व्यक्ति ने हमेशा खुद को अलग दृष्टिकोण से देखा है जब रॉबर्ट ने उन लोगों को कागज पर उतारा तो उन व्यक्तियों को यह यकीन नहीं हुआ कि वो लोगों के सामने इस तरह का दिखता है लेखिका ने जब रॉबर्ट से पूछा कि वह कैसे लोगों के भीतर छुपे उनके वास्तविक भावों को कागज पर उतार लेते हैं तो उनका जवाब था मैं सिर्फ उन्हें ध्यान से देखता हूं इसके सिवाय और कुछ भी नहीं लेखिका को

(03:51) यह जवाब इतना रास नहीं आया उन्होंने रॉबर्ट से फिर से पूछा कि यदि किसी व्यक्ति को किसी आकर्षक और बुद्धिमान व्यक्ति का चित्र बनाना है है तो वह क्या करेगा रॉबर्ट ने जवाब दिया कि ऐसा व्यक्ति हमेशा नजर से नजर मिलाकर बात करेगा वह आत्मविश्वास से भरा होगा और उसके मुस्कुराने का अंदाज भी लोगों को प्रभावित करने वाला होगा शानदार व्यक्तित्व के नौ नियम लेखिका के एक और मित्र है कैरन जो एक फर्नीचर डिजाइन कंपनी में काफी अच्छे पद पर काम करती हैं कैरन अपनी कंपनी के सबसे महत्त्वपूर्ण कर्मचारियों में से एक हैं और कंपनी में उसकी अपने साथी कर्मचारी के

(04:30) बीच काफी अच्छी पहचान है लेकिन कैरन की एक शिकायत है कि जब वह अपनी कंपनी से बाहर कहीं होती है तो वह खुद को बिल्कुल अकेला महसूस करती है उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे इस भीड़ में अपनी एक विशेष पहचान बनाए आपको बता दें कि कैरन अकेली नहीं है जो इस चीज को अनुभव करती है बल्कि अधिकतर लोग आज इसी समस्या से जूझ रहे हैं मगर क्या इसका कोई समाधान है किस प्रकार हम सैकड़ों की भीड़ में अपना एक अलग स्थान बना सकते और कैसे हम अपनी सकारात्मक छाप अपने आसपास के लोगों पर छोड़ सकते हैं हो सकता है यह काम आपको बाहर से देखने पर बेहद मुश्किल

(05:09) लगे लेकिन यदि आप ठीक से देखेंगे तो पाएंगे कि यह काम हर व्यक्ति कर सकता है उसे बस जरूरत है कि वह नौ बेहद जरूरी चीजों को ध्यान में रखें इनमें सबसे ऊपर आती है आपकी मुस्कुराहट जी हां आपके पूरे व्यक्तित्व की शुरुआत ही आपकी मुस्कुराहट से होती है इस मुस्कुराहट को यदि कोई बिना किसी संदर्भ को जाने इस्तेमाल करता है तो यही मुस्कुराहट उस व्यक्ति के व्यक्तित्व को रूखा बनाने में ज्यादा देर भी नहीं लगाती इसके अलावा मुस्कुराहट केवल एक ही प्रकार की नहीं होती है अलग-अलग प्रकार के अवसरों पर आपको एक अलग मुस्कुराहट देनी होती है जो उस अवसर के संदर्भ में सटीक

(05:50) बैठती हो अब आप सोच रहे होंगे कि क्या वाकई में मुस्कुराहटों के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं आपकी मुस्कान वास्तविक या झूठी और प्रभावित करने वाली या मजाक उड़ाने वाली भी होती है लेखिका के एक मित्र जिसका नाम मिसी है वह अपनी खिल खिलाती हुई मुस्कुराहट से हर किसी का खूब मनोरंजन किया करती थी अपने पिता के देहांत के बाद जब मिसी ने उनका कारोबार संभालने की ठानी तब उसे कंपनी के ग्राहकों के साथ एक जरूरी मीटिंग करनी थी लेखिका खुद भी उस मीटिंग में मिसी के साथ में थी उन्हें मिसी को देखकर लगा कि कहीं उसकी मुस्कुराहट उन ग्राहकों को खलने ना लग जाए

(06:30) लेकिन जब मिसी ने मुस्कुराकर बोलना शुरू किया तो लेखिका के अलावा सभी लोग एकदम हैरान थे मिसी की मुस्कान वह नहीं थी जो हर किसी का मनोरंजन किया करती थी बल्कि एक बेहद सदी हुई मुस्कुराहट थी जो सामने वाले को आप पर भरोसा करने पर मजबूर कर देती है मीटिंग के बाद सभी ग्राहक मिसी से बहुत प्रभावित हुए और यह मीटिंग मिसी के लिए बिल्कुल कामयाब रही मीटिंग के बाद लेखिका से रहा नहीं गया और उन्होंने मिसी से पूछ ही लिया कि उसके व्यक्तित्व में आए इस शानदार बदलाव का कारण क्या है मिसी ने जवाब दिया मेरी मुस्कुराहट मिसी ने बताया कि पहले उसकी मुस्कुराहट बेहद जल्दी उसके

(07:11) होठों पर आ जाती थी जिससे लोग उसकी बातों पर हंसते थे लेकिन कभी मिसी की बातों को गंभीरता से नहीं लेते थे अब उसने अपनी मुस्कान को थोड़ा वक्त देकर अपने चेहरे पर लाना शुरू किया है जिससे सामने वाले व्यक्ति को यकीन होता है कि हमारी मुस्कुराहट का वास्तव में क्या अर्थ है तो दोस्तों इसी घटना से हमारी पहली तकनीक निकलकर सामने आती है और वह यह है कि आपको मुस्कुराते समय हमेशा थोड़ा समय लेना चाहिए इससे सामने वाला व्यक्ति आपसे मुस्कुराने की उम्मीद करेगा और आपके मुस्कुराने को वाकई में आपकी खुशी के इजहार का तरीका समझेगा जल्दबाजी में आई

(07:50) मुस्कुराहट आपके धैर्य में कमी का सूचक है जिससे सामने वाला व्यक्ति आपकी बात को गंभीरता से नहीं लेगा आंखों की करामात रूल नंबर दो अक्सर जब लोग किसी से मिलते हैं तो व अपनी आंखों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हमारी आंखें वह जादुई अंग है जो सामने वाले व्यक्ति को बिना कोई शब्द कहे अपना मुरीद बना सकती है मगर उसके लिए आपको इस जादुई अंग का उपयोग करना अच्छे से आना चाहिए हमारी दूसरी जरूरी बात भी इन्हीं आंखों से ही जुड़ी हुई है लेकिन आंखों के बारे में वह कौन सी खास बात है जो हमें जरूर जाननी चाहिए एक बार लेखिका एक सेम में भाषण दे

(08:30) रहे थे जहां सैकड़ों की भीड़ होने के बावजूद उनकी नजर बार-बार एक ही महिला पर जा रही थी आखिर उस महिला में ऐसा क्या खास था जिसके कारण लेखिका बार-बार उसे ही देखे जा रहे थे दरअसल वह महिला पूरे सेमिनार के दौरान लेखिका को अपनी आंखों से निहार रही थी इससे लेखिका को यह एहसास हुआ कि यह महिला उनके सेमिनार में काफी गहरी रुचि रखती है इसी कारण सेमिनार के बाद लेखिका उस महिला से व्यक्तिगत रूप से मिलने गए और उनसे पूछा की क्या वाकई में आपको मुझसे मिलना इतना पसंद आया तब उस महिला ने जवाब दिया दरअसल मुझे आपकी अधिकतर बातें बिल्कुल भी समझ में नहीं आई क्योंकि आप हर

(09:10) वक्त इधर से उधर चल रहे थे इस कारण मुझे आपके होंठ पढ़कर शब्द बनाने में काफी परेशानी हो रही थी जिसके कारण मुझे आपको बेहद ध्यान से देखना पड़ रहा था लेखिका को इस बात से बहुत हैरानी हुई जो महिला सुन नहीं सकती यदि वह भी उन्हें ध्यानपूर्वक देखती है तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह सामने वालों की बातों में बेहद दिलचस्पी ले रही है नजरें मिलाना हमारे समाज में अक्सर आंखें दिखाने के बराबर माना जाता है कई लोगों का यह मानना है कि किसी की आंखों में आंखें डालकर बात करने का अर्थ उस व्यक्ति से असम मानपूर्वक तरीके से बात करने के बराबर है मगर यह बात एकदम गलत है

(09:51) बल्कि किसी से नजरें मिलाकर बात करने से हमारी बात ज्यादा प्रभावी होती है यह बात कई विश्वविद्यालयों के शोध में भी साबित हो हो चुकी है ऐसा ही एक शोध येल यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों ने भी किया है उन्होंने लड़के और लड़कियों के कुछ जोड़ों को एक दूसरे से दो मिनट बात करने के लिए कहा यह सभी लोग एक दूसरे से बिल्कुल अनजान थे इनमें से कुछ लोगों को यह कहा गया कि वह अपने सामने वाले व्यक्ति को पलक झपका पर ध्यान दे वास्तव में ऐसा कहने का कारण यह था कि वह लोग अपने सामने खड़े व्यक्ति के साथ आई कांटेक्ट बना सके जब यह रिसर्च पूरी हुई तब मनोवैज्ञानिकों

(10:30) ने पाया कि जिन लोगों ने अपने सामने खड़े व्यक्ति की आंखों में देखकर बात की थी वह अपने सामने खड़े व्यक्ति को प्रभावित करने में ज्यादा सफल हुए दूसरी ओर वह लोग जो आंखों से आंखें मिलाकर बात नहीं कर रहे थे वह अपना प्रभाव इतना बेहतर नहीं बना पाए तो दोस्तों यहीं से हमारी दूसरी तकनीक निकल कर आती है जो यह है कि जब भी आप किसी व्यक्ति से बात करें तो उससे नजरें मिलाकर ही बात करें इससे उस व्यक्ति को को यह एहसास होगा कि आप उसकी बातों में बेहद दिलचस्पी ले रहे हैं और वह व्यक्ति आपसे बात करने में हमेशा उत्सुक रहेगा नजरों से जुड़ी एक और खास बात है जो

(11:10) अक्सर कई लोग इस्तेमाल करते हैं वह यह है कि कई बार हम समूह में खड़े उस व्यक्ति पर ध्यान नहीं देते जो बोल रहा होता है बल्कि हम उस व्यक्ति पर ध्यान देते हैं जिसमें हमें दिलचस्पी होती है इस कारण वह व्यक्ति यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आखिरकार यह व्यक्ति बोलने वाले व्यक्ति को छोड़कर मेरी ओर क्यों देख रहा है इसी से उसको यह अंदाजा भी हो जाता है कि इस व्यक्ति को शायद मुझ में दिलचस्पी है इस तरकीब का उपयोग कई बार पुलिस अपनी पूछताछ के दौरान भी करती है इसमें जब भी कोई व्यक्ति अपना बयान दे रहा होता है तब पुलिस उसके साथी

(11:45) लोगों के चेहरों की ओर देख रही होती है पुलिस उसके साथियों के चेहरों पर आ रहे भावों को पढ़ने की कोशिश करती है जिससे यह पता लगता है कि वह लोग अपने साथी के बयान पर क्या सोचते हैं इस तरकीब को इस्तेमाल करने ने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप जिस भी व्यक्ति में दिलचस्पी रखते हैं उसे अपनी नजरों द्वारा विशेष आकर्षण का केंद्र बनाएं इससे उस व्यक्ति को यह एहसास होता है कि वह आपके लिए कितना खास है कैसे दिखें हर जगह एक विजेता अपने जीवन के उस क्षण को याद कीजिए जब आप अपने दोस्तों के साथ एक कमरे में बैठे थे और यदि उस वक्त किसी ऐसे व्यक्ति

(12:23) ने कमरे में प्रवेश किया हो जिसके उस कमरे में आते ही आप सब लोग उसकी ओर ध्यान देने पर मजबूर हो गए आखिर उस व्यक्ति में आपने ऐसा क्या देखा जो आप सब उसकी ओर ध्यान देने पर मजबूर हो गए अब उस व्यक्ति के बारे में सोचिए जिसके आने या जाने से उस कमरे में बैठे किसी भी व्यक्ति पर कोई फर्क पड़ता अब बताइए कि आपने उस व्यक्ति के भीतर ऐसा क्या देखा जो उसके आने या जाने पर भी आपको कोई फर्क नहीं पड़ा यह बात बहुत सोचने लायक है कि कुछ लोग बहुत जल्दी दूसरे लोगों को प्रभावित कर देते हैं इस दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं को यदि हम देखें तो हम पाएंगे कि वह सब एक विशेष

(13:00) तरह के गुण अपने अंदर रखते हैं वह गुण है उनके खड़े होने और चलने का तरीका उनके खड़े होने में आपको आत्मविश्वास की एक बड़ी सुनामी सी आती हुई नजर आएगी इसी आत्मविश्वास की लहर में वह बाकी लोगों को अपने साथ बहाकर ले जाते हैं लेखिका अपने बचपन में अपनी मां के साथ एक बार सर्कस देखने गए थे वहां उन्होंने देखा कि एक लड़कों और लड़कियों का समूह है जो पिरामिड बनाने की तैयारी कर रहा है उसी क्षण लेखिका की माने लेखिका को बताया कि यह दुनिया का पहला ऐसा समूह है जो बिना किसी सुरक्षा जाली के पिरामिड बनाता है लेखिका ने सर्कस के उन सभी खिलाड़ियों के भीतर एक

(13:41) बात समान पाई और वह थी उनके चलने और खड़े होने का अंदाज उन सभी खिलाड़ियों को अपने ऊपर पूरा भरोसा था और उनकी चाल में आत्मविश्वास की झलक भी साफ देखने को मिल रही थी यहां से लेखिका को समझ आया कि जिस व्यक्ति से हम बात भी नहीं करते उस व्यक्ति का चलना और खड़े होने का तरीका भी हमें उसके बारे में कितना कुछ बता देता है अब बात आती है बचपन से जब हमें यह सिखाया गया है कि सीधे खड़े रहना चाहिए हमेशा सर को सीधा रखना चाहिए लेकिन इसके बावजूद भी हम में से अधिकतर लोग अब तक इस बात को अपने जीवन में लागू नहीं कर पाए हैं तो अब ऐसा क्या किया जाए जिससे हम इस बात को

(14:23) अपने दैनिक जीवन में लागू कर पाएं इसके लिए आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि सीधा खड़ा रहना और अपने सर को आत्मविश्वास से सीधा रखना एक आदत है ना कि हर बार ध्यान में रखकर किया जाने वाला एक काम तो यहां हम आपको एक और महत्त्वपूर्ण सलाह देंगे जो आपके व्यक्तित्व को और प्रभावशाली बनाने में बहुत मददगार होगी आत्मविश्वास से भरी इस चाल को पाने के लिए आप जब भी अपने घर के किसी भी दरवाजे के पास से गुजर तो अपने दिमाग में ऐसा सोचिए कि इस दरवाजे पर आपके सर के थोड़ा ऊपर एक दांतों से पकड़ने का पैड रखा है आपको इस पैड को अपने दांतों से

(15:05) पकड़ना है और ऐसा मानना है कि यह पैड आपको ऊपर की ओर खींच रहा है इससे यह होगा कि आपको अपने सर को सीधा रखना आसान हो जाएगा और आपकी चाल में भी एक आत्मविश्वास की झलक दिखाई देने लगेगी इस काम को आप कुछ दिनों तक जब भी किसी दरवाजे से गुजरे तो दोहराएं कुछ ही दिनों के अंदर आप पाएंगे कि आप जब भी किसी कमरे में घुस तो अपने आप ही आप का सर सीधा होने लगेगा और आपके चलने के तरीके में भी एक सकारात्मक परिवर्तन नजर आएगा उनके अंदर के बच्चे को पहचाने रूल नंबर पांच क्या आपने कभी किसी बच्चे को देखा है जो अपने माता-पिता के पास भाग कर जाता है

(15:44) और उनके गले लग जाता है मान लीजिए कि एक छोटा बच्चा है जिसने अपनी मां को काफी समय बाद देखा है तो आपको क्या लगता है कि उसकी पहली प्रतिक्रिया क्या होगी वह जरूर अपनी मां को देखते ही उसे गले लगाने की कोशिश करेगा वैसे ही हम सबके अंदर भी एक ऐसा ही बच्चा है जो उन लोगों को करीब लाने की कोशिश करता है जो हमें सुरक्षित और खुश महसूस कराते हैं अगर आप किसी व्यक्ति को वास्तव में प्रभावित करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि आप उनके अंदर के बच्चे को पहचाने और उसे खुश करें अगर उनके अंदर का बालक मन आपसे खुश होता है तो वह व्यक्ति आपको अवश्य ही

(16:24) स्वीकार करेगा लेखिका की एक दोस्त थी कार्ला जिसका हाल ही में तलाक हुआ था वह एक बड़ी कंपनी में काफी सम्मानित पद पर काम कर रही थी कारला का व्यक्तित्व काफी आकर्षक था एक बार लेखिका और कार्ला अपने एक दोस्त की पार्टी में बातें कर रहे थे तब लेखिका ने यह गौर किया कि पार्टी में मौजूद कई युवक कार्ला की ओर काफी आकर्षित नजर आ रहे थे उनमें से कुछ युवकों ने कार्ला की ओर देखकर एक मुस्कुराहट भी दी लेकिन वापसी में कार्ला ने उनकी ओर बस एक औपचारिक मुस्कुराहट दी थोड़ी देर देर बाद एक छोटा बच्चा कार्ला को हेलो बोलने आया तो उस छोटे बच्चे को देखते ही कार्ला बेहद खुश

(17:04) हो गई और उसने बहुत खुशी के साथ उस बच्चे को हेलो कहा कारला जब उस बच्चे से बात कर रही थी तब वह बहुत मुस्कुरा रही थी और उस बच्चे के साथ वह काफी अच्छा भी महसूस कर रही थी लेखिका ने जब यह सब देखा तो उसने कारला से पूछा कि वह एक बार उनमें से किसी युवक के साथ भी ऐसे ही बात करने की कोशिश क्यों नहीं करती इसके जवाब में कार्ला ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर पाएंगी लेकिन लेखिका के बार-बार गुजारिश करने पर वह ऐसा करने के लिए मान गई और थोड़े ही समय बाद जब एक युवक कारला की ओर देखकर मुस्कुराया तो इस बार कारला ने भी एक चमकती हुई मुस्कान के साथ उस युवक को हेलो कहा और

(17:43) उसे उनके साथ शामिल होने के लिए कहा वो युवक तुरंत उन दोनों के साथ बातें करने के लिए राजी हो गया और थोड़े समय बाद लेखिका ने उन दोनों से विदा ली लेकिन एक दूसरे की बातों में वो इतना खो गए थे कि लेखिका की अनुपस्थिति का उन्हें आभास तक नहीं हुआ इस घटना को देखकर लेखिका ने यह समझ लिया कि यदि हम किसी व्यक्ति को प्रभावित करना चाहते हैं तो हमें हर व्यक्ति के अंदर के बच्चे को खुश करना होगा हमारी अगली सलाह भी यही है कि यदि आप किसी बच्चे को प्रभावित करना चाहते हैं तो सबसे पहले यह देखें कि वह कौन सी चीजें हैं जो उनके बचपन में उन्हें खुश किया करती थी या जो

(18:23) उनके अंदर के बच्चे को पसंद आएगी कैसे किसी को एक पुराने दोस्त की तरह महसूस कराए रूल नंबर छ और सात एक बड़ी प्रसिद्ध कहावत है कि लोगों को तब तक इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप उनके बारे में कितना जानते हैं जब तक कि आप उन्हें यह महसूस कराते रहे कि आपको उनकी फिक्र है यह बात तब एकदम सटीक बैठती है जब हम किसी नए व्यक्ति से मिलते हैं आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारा शरीर एक ऐसे प्रसारण स्टेशन की भांती काम करता है जो 24 घंटे लोगों को अलग-अलग प्रकार के संदेश भेजता है आपके हाव भाव से लोग यह अंदेशा लगाते हैं कि आप कैसा सोचते हैं और विशेष रूप से आप उनके

(19:05) बारे में क्या सोचते हैं इससे पहले हमने आपको एक तरकीब बताई थी कि जिसमें हमने कहा था कि कैसे आप अपने शरीर को सीधा रखने की एक आदत से लोगों को प्रभावित कर सकते हैं इस बार आपको उस आदत में एक और चीज जोड़नी है जिससे आपके शरीर के हर हिस्से की हलचल से ऐसा लगे जैसे आपको सामने वाले व्यक्ति की परवाह हो जैसा कि आप सबको मालूम होगा कि जब हम किसी नए व्यक्ति से मिलते हैं तो हमारे दिमाग में हजारों प्रकार के विचार चलते रहते हैं इसके चलते हम ठीक तरह से यह सोच नहीं पाते कि हमारा कौन सा व्यवहार सामने वाले व्यक्ति को अच्छा लगेगा और कौन

(19:41) सा खराब इसी कारण जब हम किसी व्यक्ति से मिलते हैं तो सबसे पहले हमें हड़बड़ाहट से बिल्कुल बचना चाहिए ताकि हम ऐसी कोई भी हरकत करने से बच सके जो सामने वाले व्यक्ति को हमारे बारे में कुछ खराब सोचने के लिए प्रोत्साहित करें वहीं कुछ लोग ऐसे भी हो होते हैं जिनके साथ हम बेहद सहज होते हैं व लोग हमारे सबसे करीबी मित्र होते हैं हम जब अपने किसी करीबी दोस्त से मिलते हैं तो हमें बिल्कुल भी घबराहट महसूस नहीं होती हम एकदम ध्यान से उनकी बातें सुनते हैं और बिना किसी हड़बड़ाहट के अपनी बात उन्हें कहते भी हैं इसके अलावा हमारा शरीर और दिमाग पूरी तरह से

(20:21) उनके साथ होता है यहीं से हमारी अगली सलाह निकलती है जो यह कहती है कि जब भी आप किसी नए व्यक्ति से मिले तो अपने मन में यह मानकर चले कि वह व्यक्ति आपका एक पुराना दोस्त है वह पुराना दोस्त जो अब कई सालों बाद आपको मिला है इससे आपके अंदर की सारी हड़बड़ाहट अपने आप ही दूर हो जाएगी इसके अलावा आपका उस व्यक्ति के प्रति व्यवहार भी पूरी तरह से बदल जाएगा जो उस व्यक्ति को अवश्य ही बहुत पसंद आएगा क्योंकि वह व्यक्ति भी आपसे पहली बार मिल रहा है इसी कारण से उसके मन में भी यह ख्याल आता होगा कि उसे कितना और क्या बोलना चाहिए अगर आप

(20:58) सामने वाले व्यक्ति को यह एहसास करा देते हैं कि आप उनके करीबी दोस्त की तरह हैं तो वह बहुत जल्द आपके करीब आ जाएंगे स्वाभाविक है कि आप उस व्यक्ति को ऐसा नहीं बोल सकते कि वह आपका पुराना दोस्त है अगर आप सामने वाले व्यक्ति को यह एहसास करा देते हैं कि आप उनके करीबी दोस्त की तरह हैं तो वह बहुत जल्द आपके करीब आ जाएंगे स्वाभाविक है कि आप उस व्यक्ति को ऐसा नहीं बोल सकते कि वह आपका पुराना दोस्त है क्योंकि वह सच नहीं है यह बात तो आपको केवल अपने दिमाग को बतानी है जिसके बाद आपका दिमाग अपने आप ही ऐसे बर्ताव करने लगेगा जैसे वह व्यक्ति आपका एक

(21:34) पुराना दोस्त है इसी के साथ आपके शरीर के हावभाव भी बदलने लगेंगे और आप उस व्यक्ति के साथ और अधिक सहज महसूस करने लगेंगे पुराने दोस्त होने की सलाह के बाद कुछ ऐसी चीजें हैं जो आपको ध्यान में रखनी है अगर आप किसी के मन को जीत लेते हैं तो उसके बाद भी आपको खुद को एक विश्वास पात्र बुद्धिमान और खुद पर भरोसा रखने वाले व्यक्ति की तरह आभास कराना होता है हमारा अगला विषय इसी बात पर होगा कि कैसे हम लोगों के सामने एक विश्वास पात्र व्यक्ति के तौर पर उभर कर आ सकते हैं लेखिका के एक दोस्त है जिसका नाम हेलेन है हेलन बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए कर्मचारियों को

(22:15) नियुक्त करने का काम करती है वह इस काम में इतनी माहिर है कि कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां उसको उनके लिए कर्मचारी चुनने की जिम्मेदारी देती हैं एक बार लेखिका ने उससे पूछा कि आखिरकार तुम में ऐसा क्या है जो तुम पहचान लेती हो कि कौन सा व्यक्ति इस कंपनी के लिए ठीक रहेगा और कौन सा नहीं इसके जवाब में हेलन ने कहा कि जब भी कोई उससे झूठ बोलता है तो उसे पता लग जाता है लेखिका को यह बात बड़ी आश्चर्यजनक लगी तो उन्होंने उससे पुनः पूछा कि उसे झूठ बोलने वाले व्यक्ति के बारे में कैसे पता लगता है जवाब में हेलन ने कहा कि कुछ दिनों पहले एक महिला उसके पास नौकरी के लिए आई

(22:53) थी वह महिला बात करते वक्त हर समय उससे आंख से आंख मिलाकर बात कर र रही थी उसने अपनी बाई टांग को अपनी दाई टांग के ऊपर रखा था आखिर में जब हेलेन ने उससे पूछा कि उसने अपनी पुरानी नौकरी क्यों छोड़ दी तो उसने एक क्षण के लिए कोई जवाब नहीं दिया और उसके चेहरे के भाव भी पूरी तरह से बदल गए अब उसने अपनी टांग को बाई टांग के ऊपर रख दिया इससे हेलन को यह अंदाजा हो गया कि वह महिला झूठ बोलने वाली है उस महिला ने आगे कहा कि उसकी पिछली कंपनी में उसके आगे बढ़ने की ज्यादा संभावना नहीं थी हेलेन ने उस महिला का झूठ पकड़ने के लिए उससे फिर

(23:31) से कुछ सामान्य सवाल पूछने शुरू कर दिए सामान्य सवालों के शुरू होते ही महिला फिर से हेलेन के सामने सहज हो गई थोड़ी देर बाद हेलेन ने दोबारा उस महिला से पूछा कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि इस कंपनी के अंदर उन्हें और अधिक बेहतर अवसर मिलेंगे अपनी पुरानी कंपनी की बात शुरू करते ही वह महिला एक बार फिर असहज हो गई और हेलन से नजरें चुराने लगी उसी से हेलेन को यह पता लग गया कि वह महिला उससे झूठ बोल रही है बाद में हेलन को पता लगा कि उस महिला की पुरानी कंपनी का बॉस काफी अकडू था और उसने एक छोटी सी बात के लिए उस महिला को नौकरी

(24:06) से निकाल दिया था इससे हमें यह समझ आता है कि अक्सर जब हम लोगों से झूठ बोलते हैं तो उन्हें पता लग जाता है हमारे हाव भाव अचानक बदलने लगते हैं जिससे सामने वाले व्यक्ति को ऐसा आभास होने लगता है कि शायद यह व्यक्ति उनसे झूठ बोल रहा है वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि आप सच बोल रहे होते हैं लेकिन आपके हा भाव ऐसे होते हैं कि सामने वाले व्यक्ति को वह बात भी झूठी लगती है अब हम जानेंगे कि हम कैसे ऐसी हरकतें करने से बच सकते हैं जिनसे हम सच बोलते समय एक झूठे व्यक्ति की तरह नजर ना आए कई बार ऐसा होता है कि आप किसी गर्म कमरे में बैठे हैं और एक मीटिंग का हिस्सा

(24:48) है गर्मी के चलते आपने अपनी शर्ट के कॉलर को थोड़ा ढीला कर दिया अब भले ही इस बात के पीछे कारण कमरे की गर्मी थी लेकिन सामने वाले व्यक्ति को यह लगेगा कि शायद आप मीटिंग की किसी बात के कारण असहज महसूस कर रहे हैं इसके अलावा कई बार ऐसा भी होता है कि किसी जगह पर अधिक धूल होने के कारण आप बार-बार अपनी आंखें झपका रहे इसका कारण चाहे जो भी हो ऐसा करने से भी सामने वाले व्यक्ति को ऐसा ही लगेगा कि शायद आप उनसे कुछ छुपा रहे हैं इसके अलावा ऐसा भी होता है कि किसी से बात करते वक्त हमें चेहरे या नाक पर हल्की खुजली होने लगती है स्वा

(25:28) तौर पर हमारी प्रतिक्रिया होती है कि हम उस जगह को अपने हाथ से खुजाते हैं सुनने में यह बेहद सामान्य सी बात लग सकती है लेकिन जब आप किसी जरूरी मीटिंग का हिस्सा हो और उस वक्त आप ऐसा कुछ करते हैं तो इससे शायद सामने वाले व्यक्ति को आपको नापसंद करने का एक मौका मिल सकता है इसी बात से निकलती है हमारी अगली सलाह जिसमें हम यह कहते हैं कि आप जब भी किसी व्यक्ति से बात करें तो अनावश्यक रूप से अपने चेहरे या शरीर के किसी भी अंग को बार-बार ना छुए अपनी पलके बार-बार ना झपकाए और अपने पैरों को भी एक दूसरे पर बार-बार ना चढ़ाए ने लोगों के मन की बात रूल नंबर

(26:11) आठ सन 1900 के आसपास जर्मनी का एक घोड़ा जिसका नाम हेंस था दुनिया भर में अपनी बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध हो रहा था जब हेंस छोटा था तब उसके मालिक ने उसे छोटे-छोटे अंकों की गिनती करना सिखाया सही जवाब देने के लिए हैंस अपने पांव से की आवाज करता था उस सवाल का जितना जवाब होता था वह उतनी बार अपने पैर से टप की आवाज करता इस बुद्धिमान घोड़े की खबर धीरे-धीरे पूरे यूरोप में फैल गई इस दौरान हंस के मालिक ने उसे जोड़ के अलावा गुणा भाग और साथ ही कुछ शब्द सिखाने भी शुरू कर दिए थोड़े ही समय में हेंस छोटे मोटे भूगोल और विज्ञान के सवालों के जवाब देने लगा हेंस

(26:53) यह सब जवाब अपने पैर को जमीन पर मारकर टप की आवाज करके देता था घोड़े के इस हुनर की खबर जब काफी तेजी से फैलने लगी तब दुनिया भर के बड़े-बड़े वैज्ञानिक पशु चिकित्सक और घोड़ों के जानकर इस घोड़े की जांच करने आए जब उन्होंने उस घोड़े की जांच की तब भी उस घोड़े ने सभी सवालों के सही सही जवाब दिए अब यह घोड़ा और भी अधिक प्रसिद्ध हो चुका था इसीलिए अब उसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आने लगे इस बार वैज्ञानिकों की एक बड़ी टीम इस घोड़े का परीक्षण करने आई वैज्ञानिकों के परीक्षण को देखने के लिए काफी बड़ी संख्या में दर्शक आए वैज्ञानिकों को लगा कि शायद

(27:32) घोड़े का मालिक कुछ चालबाजी करता है इसलिए उन्होंने उस मालिक को उस जगह से दूर भेज दिया और फिर एक एक करके सबने उस घोड़े से सवाल पूछे आश्चर्य की बात तो यह थी कि घोड़े ने हर एक सवाल का एकदम सही सही उत्तर दिया मगर इसके बावजूद लोग संतुष्ट नहीं हुए तभी उनमें से एक व्यक्ति उठा और घोड़े के कान में जाकर धीरे से एक सवाल पूछा जिसे और कोई नहीं सुन पाया सभी लोग जवाब का इंतजार करने लगे लेकिन इस बार वह घोड़ा अपनी जगह पर चुपचाप खड़ा रहा इसके बाद एक दूसरे वैज्ञानिक ने घोड़े के कान में सवाल पूछा लेकिन घोड़ा इस बार भी चुपचाप खड़ा रहा सभी परीक्षण करने के बाद

(28:11) वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि जब भी उस घोड़े से कोई सवाल पूछा जाता था तब दरअसल वह घोड़ा अपने सामने खड़े व्यक्तियों को देखा करता था सही जवाब के पास पहुंचने पर लोगों के हाव भाव बदलने लगते थे और सही जवाब देने पर उनकी हाव भाव अलग हो जाते थे लोगों के इन बदलते हाव भाव को पढ़कर ही वह घोड़ा हर बार सही जवाब देता था तो देखा आपने कि कैसे एक घोड़ा लोगों के मन की बात जान सकता है आप भी इसी तरह लोगों के हाव भाव को क्यों नहीं जान सकते कि कब कोई आपके सामने सच बोल रहा है और कब झूठ कई बार ऐसा हुआ होगा कि आप टीवी देख रहे हैं और आपके साथ बैठे व्यक्ति के

(28:54) पास कोई फोन आता है तब आप तुरंत टीवी की आवाज बंद कर देते हैं ताकि साथ वाला व्यक्ति आराम से बात कर सके जब टीवी की आवाज बंद होती है तब आपका पूरा ध्यान स्क्रीन पर दिख रहे कलाकारों के हाव भाव पर होता है आप उनके बोलने के तरीके से यह जानने की कोशिश करते हैं कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं ठीक ऐसे ही आपको लोगों के हाव भाव को भी जानना है कि क्या लोग आपकी बात सुनकर मुस्कुरा रहे हैं क्या वह हां में सर हिला रहे हैं क्या वह एकदम सहज हैं और क्या वह आपकी ओर ना देखकर दूसरी ओर देख रहे हैं यहीं से निकलती है हमारी एक और सलाह जो यह

(29:31) कहती है कि जब भी आप किसी व्यक्ति से बात कर रहे हो तो हमेशा उस व्यक्ति पर भी एक नजर डालें जो बात आप उससे कर रहे हैं क्या वह उसे प्रभावित कर रही है या नहीं यदि आप ध्यान से देखेंगे तो आप यह आसानी से जान पाएंगे कि आपकी बातें उन्हें पसंद आ रही हैं या नहीं यदि आपको ऐसा प्रतीत होता है कि आपकी बातें शायद उन्हें पसंद नहीं आ रही हैं तो उसी क्षण कुछ और बातें करने की सोच इस तरह से आप खुद को ऐसी बात करने से बचा सकते हैं जो सामने वाले व्यक्ति को आपसे दूरी बनाने के लिए मजबूर कर सकती है महसूस करें रूल नंबर न क्या आपने कभी किसी ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी

(30:12) को देखा है जिसके ऊपर आखिरी गेंद में अपनी टीम को जिताने का दबाव होता है आप क्या सोचते हैं कि वह खिलाड़ी उस क्षण क्या सोचता होगा उस वक्त उस खिलाड़ी का दिमाग अपनी अधिकतम क्षमता के स्तर पर होता है वो खिलाड़ी उस वक्त अपने आसपास चल रही हर छोटी से छोटी चीज के बारे में भी जानकारी रखता है उसके कानों के पास से जा रही हवा की गति सामने वाले गेंदबाज के चेहरे के हावभाव चाल गति इन सब पर उस बल्लेबाज की नजर होती है यह परिस्थितियां ही ऐसी होती है कि उस खिलाड़ी के लिए कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हें महसूस करना बेहद जरूरी हो जाता है लेखिका का एक और दोस्त है रिचर्ड

(30:53) जो लंबे मैराथन में हिस्सा लिया करता है न्यूयॉर्क में होने वाली एक महत्व मैराथन के लिए रिचर्ड काफी समय से अभ्यास कर रहा था मगर उस मैराथन के कुछ हफ्तों पहले ही एक चोट के कारण उसे हस्पताल में भर्ती होना पड़ा था डॉक्टर ने उसे कुछ हफ्तों के लिए आराम करने को कहा और किसी भी प्रकार की हलचल करने से सख्त मना कर दिया इसी कारण रिचर्ड मैराथन के दो दिन पहले तक बिल्कुल भी चल नहीं पाए और इसीलिए वह मैराथन के लिए अपना अभ्यास पूरा नहीं कर पाए उनके सभी दोस्तों ने जिनमें खुद लेखिका भी शामिल थी उन्हें मैराथन में ना लेने की सलाह दी मगर इसके बावजूद रिचर्ड

(31:31) ने यह तय कर लिया था कि उन्हें इस मैराथन में हिस्सा लेना ही है जब उनके दोस्तों ने उनसे कहा कि उन्होंने तो मैराथन की बिल्कुल भी तैयारी नहीं की है तब जवाब में रिचर्ड ने कहा कि वह जब अस्पताल में भरती थे तो सिर्फ उनका शरीर बिस्तर पर लेटा हुआ था मगर उनका दिमाग तब भी मैराथन की तैयारी कर रहा था इसी कारण व इस मैराथन के लिए पूरी तरह से तैयार है यह बात सुनकर सबको बहुत हैरानी हुई मगर मर जब मैराथन शुरू हुई तब रिचर्ड ने बेहद उम्दा प्रदर्शन किया उन्होंने अपनी पिछली सभी मैराथन से भी बेहतर प्रदर्शन करके इस मैराथन को पूरा किया और जब उनसे यह पूछा गया कि उन्होंने

(32:10) यह कार्य कैसे किया तब उन्होंने जवाब दिया कि जब से उन्हें चोट लगी थी तभी से उन्होंने अपने दिमाग को इस मैराथन के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था दोस्तों इसी बात से आती है हमारी अगली सलाह और वह यह है कि किसी भी काम को करने से पहले आप उसे अपने दिमाग में अच्छे से सोच कर रख ले आप उस कार्य को किस तरह से करने वाले हैं इस चीज को आप बार-बार अपने दिमाग में सोचे इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से आपका दिमाग उस कार्य को करने का आदि हो जाएगा आप हमेशा यह सोचे कि आप लोगों से बात करने में बेहद सहज है आप हमेशा आत्मविश्वास के साथ चलते हैं और आप

(32:49) लोगों को बेहद ध्यान से देखते हैं जब आप लगातार यह चीजें अपने दिमाग में सोचेंगे तब आपका दिमाग थोड़े ही समय में इस चीज को अपना लेगा और फिर आपका शरीर भी इसके अनुसार ही कार्य करने लगेगा हाय के बाद क्या कहे रूल नंबर 10 जिस प्रकार आपकी पहली झलक सामने वाले व्यक्ति की आंखों को प्रभावित करनी चाहिए उसी प्रकार आपके पहले शब्द भी सामने वाले व्यक्ति के कानों को प्रभावित करने चाहिए आपके पहले शब्द ही यह तय करते हैं कि सामने वाला व्यक्ति आपसे कितना और क्या बात करेगा आपके यही शब्द यह भी तय करते हैं कि आप उन्हें अंदर ही अंदर क्या कहना चाहते

(33:28) इस तरह की कम समय की बातों को स्मॉल टॉक कहते हैं स्मॉल टॉक सुनते ही यह पता चल जाता है कि इसमें बात केवल एक छोटे क्षण के लिए होती है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह कम समय की बातचीत आपके बारे में काफी कुछ बता देती है इससे पहले कि हम बताएं कि खुद को स्मॉल टॉप में बेहतर कैसे बनाएं हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि इस दुनिया के बुद्धिमान व्यक्तियों को हमेशा से ही स्मॉल टॉक से नफरत रही है जब लेखिका ने फोब्स के टॉप व्यक्तियों के ब बारे में जानने की कोशिश की तब उन्हें पता चला कि उनमें से लगभग सभी लोगों को लंबी और गहरी बातें करना पसंद है उनमें से बहुत

(34:05) कम लोग ऐसे थे जिन्हें लोगों के साथ स्मॉल टॉक करना पसंद था मगर हम आपको बता दें कि स्मॉल टॉक का अर्थ वास्तव में यह नहीं है कि आप किसी व्यक्ति से थोड़े समय के लिए बात करें और फिर उसे भूल जाएं बल्कि इसका वास्तविक अर्थ यह है कि हम किसी व्यक्ति से शुरुआती समय में बात करके उससे आगे की बातचीत जारी रख सकें लेकिन जब अपनी किशोरावस्था में थी तब अपने कॉलेज के एक बड़े उत्सव में डांस के लिए उन्हें एक पुरुष साथी चाहिए था वहीं उनके साथ की सभी लड़कियां एकएक लड़के को डांस के लिए चुन चुकी थी लेकिन लेखिका के हिचकिचाहट के कारण वह डांस के लिए किसी से भी अपना साथी

(34:44) बनने के लिए नहीं पूछ पाई धीरे-धीरे समारोह का दिन नजदीक आने लगा लेकिन लेखिका के साथ डांस करने वाला लड़का कोई नहीं था आखिरकार उन्होंने समारोह से केवल तीन दिन पहले एक लड़के को फोन किया जिससे वो एक साल पहले एक कैंप के दौरान मिली थी फोन करने से पहले ही लेखिका ने अपने दिमाग में सोच कर रखा था कि उन्हें उस लड़के को डांस के लिए कैसे पूछना है लड़के के फोन उठाते ही लेखिका ने कहा हेलो मेरा नाम लील है और हम पिछली गर्मियों में कैंप के दौरान मिले थे स्कूल में हो रहे समारोह के लिए क्या तुम मेरे डांस पार्टनर बनोगे इसके जवाब में उस लड़के ने बड़ी

(35:21) उत्सुकता से कहा क्यों नहीं मुझे बड़ी खुशी होगी और सच कहूं तो मैं भी उस समारोह के लिए किसी डांस पार्टनर की तलाश में था उस लड़के ने आगे कहा कि वह लेखिका को शाम को होने वाले समारोह के लिए उनके घर लेने आएगा इसके बाद उस लड़के ने अपना नाम डॉनी बताया डॉनी के साथ लेखिका की मुलाकात काफी अच्छी रही डॉनी एक बेहद समझदार लड़का निकला जिसने लेखिका की छोटी-छोटी बातों के बारे में पूरा ख्याल रखा डॉनी दरअसल स्मॉल टॉक करने में काफी माहिर था वह अपनी स्मॉल टॉक की तकनीकों से सामने वाले व्यक्ति को अपने साथ लंबा समय बिताने के लिए मजबूर कर

(35:58) देता था अब तक हम आपको नौ जरूरी तकनीकें बता चुके हैं जिनसे आप लोगों को प्रभावित कर सकते हैं अब हम आपको बताएंगे आगे की तकनीकें और हमारी अगली तकनीक है कि कैसे आप भी स्मॉल टॉक की इन्हीं तकनीकों को सीखकर सामने वाले व्यक्ति को आसानी से प्रभावित कर सकते हैं सबसे पहले तो आप यह जान लीजिए कि स्मॉल टॉक का मकसद क्या है दरअसल स्मॉल टॉक के पीछे का कारण यह है कि सामने वाले व्यक्ति को आपके प्रति एक सुरक्षित माहौल पैदा करने में सहायता होती है जिससे वह व्यक्ति सहज भी महसूस करता है जब आपके मुंह से पहले शब्द ही ऐसे निकलते हैं कि आपको सुनने वाला खुश हो जाए तब इस

(36:41) बात के पूरे आसार होते हैं कि वह आपसे आगे भी बात करना चाहेगा हमारी दसवीं तकनीक भी यही है कि जब भी आप किसी से बात करें तो बात करने से पहले एक बार सामने वाले व्यक्ति की मानसिक स्थिति के बारे में एक सामान्य सा अंदाजा लगा ले ऐसा करके आप अपनी स्मॉल टॉक की शुरुआत किसी ऐसे विषय से कर सकते हैं जिसमें वह काफी रुचि दिखाए एक शानदार व्यक्तित्व के मालिक कैसे बने रूल नंबर 11 एक बार लेखिका एक कॉमेडियन के शो में गई वहां उन्होंने देखा कि वह कॉमेडियन बेहद उत्साह के साथ अपने दर्शकों से खुल मिल रहा था और लोग भी उसे काफी पसंद कर रहे थे लेखिका ने जब उसकी

(37:22) स्क्रिप्ट देखी तो यह पाया कि उसकी स्क्रिप्ट काफी औसत थी यहीं से लेखिका को समझ आया कि इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या कहते हैं बल्कि फर्क इस बात से पड़ता है कि आप अपनी बात कैसे कहते हैं हमारे दिमाग में अक्सर यह सवाल आता है कि जब भी हम किसी से मिले तो उससे ऐसी क्या बात करें कि वह हमसे मिलकर खुश हो जाए इस सवाल का जवाब हम आपको एक उदाहरण के जरिए देंगे एक बार एक जापानी युवक था जिसका नाम था हयाकावा हयाकावा एक अमेरिकी रेलवे स्टेशन पर बैठा था यह बात दूसरे विश्व वि युद्ध के समय की है जब जापान ने अमेरिका पर हमला बोल दिया था हयाकावा जिस

(38:02) प्लेटफार्म पर था उसी प्लेटफार्म पर एक अमेरिक दंपति अपने बच्चों के साथ थे वह दंपति और उनके बच्चे हयाकावा को जापानी होने के कारण संदेहास्पद नजरों से देख रहे थे हयाकावा यह देखकर थोड़ा असहज तो हुआ लेकिन उसने ठान लिया था कि वह इन लोगों से बात करके रहेगा हयाकावा उस दंपति के पास गया और बोला इस ठंड में बच्चों के साथ सफर करना कितना मुश्किल होता होगा ना इसके जवाब में उन बच्चों के पिता ने केवल हां में अपनी गर्दन हिलाई हयाकावा ने उनसे आगे पूछा कि आपके बच्चे अपनी उम्र के हिसाब से थोड़े बड़े और मजबूत नजर आ रहे हैं यह सुनकर वह व्यक्ति थोड़ा मुस्कुराने

(38:40) लगा हयाकावा ने थोड़ी देर और इस प्रकार की बातें जारी रखी थोड़ी देर बाद जब माहौल थोड़ा सामान्य हुआ तब उस अमेरिकी व्यक्ति ने हयाकावा से पूछा कि तुम्हें क्या लगता है क्या जापानी सेना अमेरिका को युद्ध में हरा देगी जवाब में हयाकावा ने ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि जापानी सेना बिना किसी संसाधन के कैसे एक ताकतवर औद्योगिक राष्ट्र अमेरिका को हरा सकता है उस व्यक्ति ने कहा मुझे उम्मीद है कि इस समय तुम्हारे घर का कोई व्यक्ति जापान में मौजूद नहीं है इसके जवाब में हयाकावा ने कहा कि मेरे माता-पिता अभी भी जापान में ही हैं और मेरी उनसे बात भी नहीं हो पाती

(39:20) अमेरिकी दंपत्ति को हयाकावा की यह बात सुनकर उसके मन में दया का भाव जाग उठा और थोड़ी देर बाद उन्होंने हयाकावा को अपने घर खाने के लिए आमंत्रित किया तो देखा आपने कैसे हयाकावा ने उन लोगों को प्रभावित किया जो कुछ समय पहले तक उसे अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान रहे थे अगर हयाकावा अपनी बात को किसी और तरीके से कहता तो संभव था कि वह दंपति उसके साथ बहस करने लगते इसी घटना से मिलती है हमें हमारी 11वीं तकनीक जो यह कहती है कि जब हम किसी भी व्यक्ति से बात करें तो हमें पूरे उल्लास के साथ बात करनी चाहिए इसके अलावा अलावा हमें इस बात पर भी ज्यादा ध्यान

(39:58) नहीं देना चाहिए कि हम क्या बात करने वाले हैं क्योंकि 80 फीसद से भी अधिक बार फर्क सिर्फ इस बात का पड़ता है कि आप बात कैसे करते हैं लोगों को बात करने के लिए कैसे आकर्षित करें रूल नंबर 12 13 और 14 आपने पार्टियों में अक्सर ऐसा देखा होगा कि कुछ लोग ऐसे दिखते हैं जिससे आप उनसे बात करने के लिए उत्सुक हो जाते हैं उन व्यक्तियों के पहनावे को लेकर आप उनसे सवाल किए बिना नहीं रह पाते हमारी अगली तकनीक भी कुछ ऐसी ही है इस तकनीक का नाम है वह क्या है सुनने में आपको यह थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन हम आपको बता दें कि यह तकनीक हमेशा

(40:37) काम करती है तो आइए जानते हैं वह क्या है तकनीक के बारे में लेखिका कई बार जब पार्टियों में जाती हैं तो लोग उनसे अक्सर उनके गोल चश्मे के बारे में पूछते हैं लोग उनसे यह सवाल पूछते हैं कि यह चश्मा उन्होंने कहां से लिया और इस डिजाइन का सुझाव उनको कहां से मिला इस प्रकार आपको भी हमेशा कुछ ऐसा पहनना चाहि जिससे लोग आपसे उस बारे में पूछने के लिए मजबूर हो जाए मान लीजिए कि आपने एक अच्छी गोल्फ टीशर्ट पहनी है और इससे दरअसल आप सामने वाले व्यक्ति को एक मौका देते हैं कि वह आपसे आकर पूछे कि आपकी शर्ट अच्छी है क्या आप गोल्फ खेलते हैं इस तरह से आप ऐसे

(41:12) व्यक्तियों को आकर्षित कर सकते हैं जो गोल्फ खेलते हैं या जिन्हें गोल्फ में दिलचस्पी है तो जिस भी व्यक्ति को आप प्रभावित करना चाहते हैं आप उसका ध्यान आकर्षित करने वाले कपड़े पहने ऊपर दिए गए उदाहरण में जब आप बात गोल्फ खेलने से शुरू करेंगे तब अवश्य ही आप यह भी बात करेंगे कि क्या वह भी गोल्फ खेलते हैं या उन्होंने कौन से गोल्फ कोर्स में यह खेल खेला है या उनके खेल की तकनीक क्या है यहीं से आप एक नए व्यक्ति को अपना दोस्त बना पाएंगे कई बार ऐसा होता है कि आप जिन लोगों से बात करना चाहते हैं वह लोग आपसे बात नहीं करते मगर वह लोग आपसे बात कर रहे

(41:47) हैं जिनमें आपको कोई विशेष रुचि नहीं है इसके लिए जो तकनीक इस्तेमाल की जाती है वही हमारी अगली सलाह होगी अगर आपका कोई परिचित व्यक्ति जो आपके पसंद के व्यक्ति को जानता हो तो आप उनसे कहिए कि वह आपकी उस व्यक्ति से पहचान कराएं इसे वह कौन है तकनीक कहा जाता है जिसमें आप किसी जान पहचान के व्यक्ति के जरिए अपनी पसंद के व्यक्ति से मुलाकात करते हैं उसके बाद आप वह क्या है तकनीक का इस्तेमाल करके उस व्यक्ति से अपनी बातचीत को आगे बढ़ा सकते हैं क्या हो यदि आप जिस व्यक्ति से बात करना चाहते हैं वह किसी समूह के बीच में हो इसके अलावा उस व्यक्ति ने कुछ ऐसा

(42:25) विशेष भी ना पहना हो जिससे आप वह क्या है तकनीक का इस्तेमाल कर सकें वहीं आपके आसपास कोई ऐसा व्यक्ति भी ना हो जो आपके साथ-साथ उस व्यक्ति को भी जानता हो ऐसी स्थिति में आप वह कौन है तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे तो अब आप कैसे उस व्यक्ति के पास जाकर उससे बात करेंगे और अपनी बातचीत को आगे बढ़ाएंगे इस स्थिति में आती है हमारी तकनीक नंबर 14 जिसका नाम है बातों की जासूसी करना आप सोच रहे होंगे भला इस तरह किसी समूह की बातें सुनना कौन सी तकनीक हो सकती है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह तकनीक बेहद ही कारगर है और यह आपके तब काम आएगी जब आपके पास आपकी

(43:08) रुचि के व्यक्ति से बात करने का कोई भी तरीका नहीं होगा इस तकनीक में आपको जिस भी समूह में आपकी रुचि का व्यक्ति खड़ा है उस समूह के पास जाकर चुपचाप खड़े हो जाना है इसके साथ ही आपको उनकी बातें सुनने की कोशिश करनी है और यह जानना है कि वह किस विषय पर बात कर रहे हैं से ही आपको कोई ऐसा विषय सुनाई दे जिसमें आप सहज महसूस करते हो तब आप तुरंत उस समूह की ओर मुड़कर यह कहे कि माफ कीजिएगा मैं खुद को आप लोगों की बातें सुनने से रोक नहीं पाया दरअसल मुझे इस विषय में बहुत रुचि है जिसके बारे में आप सभी बात कर रहे थे क्या हम इस बारे में और बात कर सकते हैं इसी के

(43:46) साथ आप भी अब उस समूह का हिस्सा बन चुके हैं अब आप अपनी रुचि के व्यक्ति के साथ समय व्यतीत करके उसके साथ अपनी बातचीत को आगे बढ़ा सकते हैं उदाहरण के लिए ऐसा सोच कि आप एक क्लब में किसी व्यक्ति से बेहद आकर्षित हो जाते हैं लेकिन वह व्यक्ति एक समूह के साथ बैठा है इस स्थिति में आप उस ग्रुप के पास जाकर खड़े हो जाएं और उनकी बातें सुनने की कोशिश करें मान लीजिए कि वह लोग हिमालय पर ट्रैक पर जाने की बात कर रहे हैं उसी क्षण आप यह कहकर उनके साथ बातचीत शुरू कर सकते हैं कि माफ कीजिएगा मैं अपने आप को आपकी बातें सुनने से रोक नहीं पाया दरअसल मैं भी कुछ दिनों में

(44:23) हिमालय पर ट्रैकिंग करने जाने का विचार कर रहा तो यदि आप इससे संबंधित कुछ सुझाव देना चाहे तो मुझे बेहद खुशी होगी इसी तरह आप लोगों की बातों की जासूसी करके उन तक पहुंचने का एक रास्ता निकाल सकते हैं जो कि बेहद आसान और कारगर साबित होगा रूल नंबर 15 16 और 17 जब कोई आपसे यह पूछता है कि आप कैसे हैं और क्या करते हैं तो आपका जवाब क्या होता है आमतौर पर लोग इस सवाल का जवाब आप दो या अधिक से अधिक तीन शब्दों में देते हैं जैसे यदि आप दिल्ली में रहते हैं और कोई आपसे पूछे कि आप कहां से हो तो इसके जवाब में आप शायद यह कहेंगे कि जी मैं

(45:03) दिल्ली में रहता हूं इसी प्रकार का जवाब आप क्या करते हैं कि सवाल पर भी देते हैं अब हम आपको बताते हैं कि हमारी अगली तकनीक जो यह कहती है कि यदि आपको सामने वाले व्यक्ति को वास्तव में प्रभावित करना है तो आपको इन दोनों ही सवालों के जवाबों को बदलने की सख्त आवश्यकता है अब आप सोच रहे होंगे कि मेरे शहर का नाम पूछ जाने पर मैं भला और अतिरिक्त क्या जवाब सोच सकता हूं तो परेशान मत होइए क्योंकि हम आपको बताएंगे इन सवालों के ऐसे जवाब जो वाकई में बेहद दिलचस्प होंगे इसके लिए सबसे पहले तो आपको अपने शहर या कस्बे के बारे में थोड़ी जानकारी

(45:42) इकट्ठी करनी होगी जैसे आपका शहर किन चीजों के लिए मशहूर है या आपके शहर में कौन-कौन सी घूमने लायक जगह हैं या आपके शहर की क्या-क्या विशेषताएं हैं अब जब भी कोई आपसे पूछे कि आप कहां से हैं तो अपने शहर का नाम बताने के साथ-साथ आप उस शहर के बारे में कुछ और अतिरिक्त बातें भी जोड़ दीजिए यह बातें क्या होंगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि सामने वाले व्यक्ति की किस क्षेत्र में रुचि है मान लीजिए अगर कोई प्रकृति प्रेमी आपके बारे में पूछता है तो उसे जवाब देते समय आपको अपने शहर के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाने वाली विशेषताओं को उजागर करना है उदाहरण के लिए

(46:20) मान लीजिए आप वाशिंगटन में रहते हैं अब यदि आपसे कोई पूछता है कि आप कहां से हैं तो जवाब में आप बोलेंगे कि मैं वाशिंगटन का रहने वाला हूं वह शहर जिसकी योजना भी उसी व्यक्ति ने बनाई थी जिसने फ्रांस की राजधानी पेरिस की बनाई थी अब बात आती है जब आपसे कोई पूछता है कि आप क्या करते हैं इस सवाल का जवाब हम अक्सर हमारे व्यवसाय या नौकरी के बारे में बता कर देते हैं जैसे कि यदि कोई डॉक्टर है तो वह यही बताता है कि मैं एक डॉक्टर के तौर पर काम करता हूं मगर यदि आप अपनी पहचान इस तरह से लोगों को बताएंगे तो जल्द ही उनकी रुचि आपसे खत्म हो जाएगी इसी तरह आपको यहां पर

(47:01) भी वैसी ही तकनीक का इस्तेमाल करना है जो आपने आप कहां से हो पूछने पर की थी यहीं से सामने आती है हमारी अगली तकनीक जो यह कहती है कि जब भी आपसे कोई यह पूछे कि आप क्या करते हैं तो इसका जवाब सीधे-सीधे देने के बजाय आप इसमें अपने कार्य के बारे में कुछ दिलचस्प बातों को जोड़ दीजिए इससे ऐसा होगा कि सामने वाले व्यक्ति को उन बातों से आपके बारे में और रुचि पैदा हो इसके साथ ही वह आपसे बात करने के लिए उत्सुक रहेंगे लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि आप उसे अपने काम के बारे में साधारण बातें बताएं जैसे कि आप एक डॉक्टर हैं तो सामने वाले व्यक्ति को यह ना बताएं कि

(47:38) डॉक्टर का काम क्या होता है बल्कि उसे अपने काम के कुछ ऐसे किस्से बताएं जो आपको लगता है कि ज्यादातर लोगों ने नहीं सुने होंगे अपनी पहचान कराने के इन तरीकों का इस्तेमाल आप ना केवल अपनी पहचान कराने के दौरान करें बल्कि जब कभी आप किसी और की पहचान अपने किसी मित्र से करवाएं तब उनकी पहचान भी इन्हीं दो तकनीकों के आधार पर करवाएं मान लीजिए कि आपका एक चित्रकार दोस्त है जिसे आपको अपने दूसरे दोस्त से मिलवा है जो कि एक गायक है जब आप उन दोनों को मिलवा जाएंगे तब आप उन दोनों को एक दूसरे का नाम बताने के साथ-साथ वह कहां रहते हैं और उनके काम के विषय में कुछ

(48:17) दिलचस्प बातें भी बताएंगे हालांकि इस तकनीक का असर आप पर नहीं दिखेगा लेकिन इससे इन दोनों व्यक्तियों की नजर आपकी छवि एक सभ्य व्यक्ति के तौर पर निकल कर आएगी यही होगी हमारी 17वीं तकनीक जिसके अनुसार आपको कभी भी किसी भी व्यक्ति की पहचान केवल उसका नाम बताकर नहीं करवानी चाहिए इसमें आपको कुछ विशेष और दिलचस्प बातें भी जोड़नी चाहिए ताकि उन दोनों व्यक्तियों को आगे बात करने में सुविधा हो और दोनों ही व्यक्ति आपके इस व्यवहार से प्रभावित भी हो जाए कैसे एक रूखी बातचीत में फूके जान रूल नंबर 18 19 और 20 कई बार आपके साथ ऐसा हुआ होगा कि आप एक समूह में बैठे हो और तब

(49:04) अचानक से सब लोग शांत हो गए हो जैसे किसी के पास कुछ भी कहने के लिए नहीं हो जब एक समूह में होते हैं तब तो इस स्थिति से निकलने के कई सारे तरीके हैं लेकिन यदि आप अकेले किसी व्यक्ति से मिलने गए हैं और उस वक्त ऐसी परिस्थिति पैदा होती है तो वह आप दोनों को ही असहज कर देती है यहीं से आती है हमारी 18वीं तकनीक कि कैसे आप एक रूखी बातचीत में नई जान फूक सकते हैं इस तकनीक में आपको ऐसा करना है कि आपको सामने वाले व्यक्ति की सभी बातों और शब्दों को एकदम ध्यान से सुनना है इसके बाद यदि कोई विषय आपकी जान पहचान का हो तब आप अपनी तरफ से

(49:42) भी उस विषय से जुड़ा अनुभव साझा कर सकते हैं फिर भी मान लीजिए कि आपको उस विषय के बारे में कुछ भी नहीं पता तब आप सामने वाले व्यक्ति से उस विषय के बारे में पूछे इस तरह आप एक रुकी हुई बातचीत में नई जान फूक सकते हैं उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि यदि कोई आपसे कहता है कि उन्हें आइस हॉकी बेहद पसंद है अब यदि आपको भी आइस हॉकी पसंद है तो आप उनके साथ अपने अनुभव साझा कर सकते हैं लेकिन यदि आपको आइस हॉकी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तब आप उनसे आइस हॉकी के बारे में सवाल पूछकर बातचीत को आगे बढ़ा सकते हैं अब सवाल यह पैदा होता है कि इस बातचीत को जारी कैसे

(50:24) रखा जाए तो इस के लिए हमारी अगली तकनीक आपके काम आएगी जो यह कहती है कि जब भी आप किसी व्यक्ति से बात करें तो ऐसा सोचे कि कोई काल्पनिक स्पॉटलाइट आपके ऊपर है और जब आप बोल रहे होंगे तब यह सोचिए कि यह स्पॉटलाइट आपके चेहरे पर है और जब आपके सामने वाला व्यक्ति बोल रहा होगा तब सोचिए कि यह स्पॉटलाइट उसके चेहरे पर है यदि स्पॉटलाइट आपके चेहरे पर अधिक समय तक रहती है तो यह मान कर चलिए कि उसकी रोशनी में सामने वाले व्यक्ति को आपका कहा कोई भी शब्द समझ नहीं आने वाला इसीलिए आपकी कोशिश यह होनी चाहिए कि यह स्पॉटलाइट आपके चेहरे पर कम रहे और सामने वाले व्यक्ति के चेहरे

(51:03) पर ज्यादा यहां हमारे कहने का यह मतलब है कि जब भी आप किसी से बात करें तो वह बातचीत केवल आपके इर्दगिर्द नहीं घूमनी चाहिए इन सभी तकनीकों का इस्तेमाल करने के बावजूद हमें अब तक इस सवाल का जवाब नहीं मिला है कि हम किसी से बातचीत को आगे कैसे बढ़ाए आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लगभग हर व्यक्ति को यह समस्या कभी ना कभी देखने को मिलती है कई बार हमारी मानसिक स्थिति ऐसी नहीं होती कि हम उसी वक्त कोई नई बात निकालकर उस व्यक्ति को बताएं ऐसी स्थिति में यह प्रयास बिल्कुल ना करें कि आपको कोई बात करनी जरूरी है इसके बजाय आप यह जिम्मेदारी सामने वाले व्यक्ति को सौंप

(51:44) दीजिए यही है हमारी 20वीं तकनीक जो यह कहती है कि जब भी आप कोई नई बात ना सोच पा रहे हो तो सामने वाले व्यक्ति द्वारा की गई आखिरी बात को दोहराएं और उसके बारे में उ उनसे कुछ बात करें इस तरह से आप अपनी बातचीत को भी आगे जारी रख पाएंगे एक खुशनुमा बातचीत का माहौल कैसे बनाएं रूल नंबर 21 22 और 23 आपके साथ कई बार ऐसा होता होगा कि आपके द्वारा बताई गई किसी बात को लोग आपसे बार-बार सुनना चाहते हो या आपको किसी व्यक्ति की बताई बात सुनने का दिल करता हो यह एक बेहद शानदार तकनीक होती है जिससे आप एक ही बात को दोबारा कहकर भी सामने वाले व्यक्ति को बेहद

(52:25) प्रभावित कर सकते हैं इससे आपकी बातचीत का माहौल भी बेहद खुशनुमा बन सकता है इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपनी कोई ऐसी पुरानी बात सामने वाले व्यक्ति से करनी होगी जिसमें आपके जीवन का कोई खास क्षण शामिल हो कहने का मतलब यह है कि जब भी आप किसी से इस तरह की बात करें तो एक बार ऐसा हुआ कहकर अपनी बात की शुरुआत करें और ऐसे ही अपनी बातचीत जारी रखें यह चीजें ऐसी होती हैं कि सामने वाले का ध्यान बहुत जल्दी आकर्षित करती हैं और यदि आपके पास वाकई में कोई दिलचस्प कहानी होती है जो आपके जीवन से जुड़ी है तो अवश्य ही यह सामने वाले व्यक्ति को और अधिक प्रभावित

(53:03) करेगी इससे आपकी बातचीत को एक नई सकारात्मकता दिशा मिलेगी आपके पास अगर अपनी खुद की कोई कहानी या पुरानी बात ना हो तो आप जिस समूह में बैठे हैं उसमें से किसी व्यक्ति को उनके जीवन की कोई बात याद दिलाकर उस घटना पर बात करनी शुरू कर दें इसके लिए आपको अपने मित्रों से जुड़ी सभी प्रकार की घटनाओं और कहानियों के बारे में पता होना चाहिए इस तकनीक को इस्तेमाल करते समय आप इस बात का ध्यान रखें कि कहानी में बताने वाले व्यक्ति की प्रशंसा होनी चाहिए कोई भी व्यक्ति एक ऐसी कहानी नहीं बताना चाहेगा जिसमें उसको कोई नुकसान हुआ हो इस तकनीक का एक फायदा और है कि जब वह व्यक्ति

(53:43) पूरे समूह को अपनी कहानी बताने में पूरी तरह से मशगूल हो जाए तब आप उस बातचीत को छोड़कर आसानी से जा सकते हैं तो यह तकनीक आपके लिए किसी भी बातचीत को छोड़कर जाने में काफ मददगार साबित होगी इस बातचीत के दौरान आपको हमेशा एक सकारात्मक दृष्टिकोण वाले व्यक्ति के तौर पर नजर आना चाहिए हमारी बावी तकनीक इसी बारे में है जो यह कहती है कि किसी के सामने यदि आपको एक सकारात्मक व्यक्ति के तौर पर उभर कर आना है तो यह काम आप एक या दो दिन में नहीं सीख सकते इस तकनीक को सीखने के लिए आपको थोड़े धैर्य की आवश्यकता होगी इस तकनीक के अनुसार एक

(54:23) सकारात्मक व्यक्ति हमेशा खुलकर लोगों से बात करता है और उसकी मुस्कुराहट भी खुलकर आती है इससे सामने वाले व्यक्ति को इस बात का पता लगने लगता है कि आप एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्ति हैं आपके साथ कई बार ऐसा हुआ होगा जब आप कोई नई और दिलचस्प बात नहीं सोच पाते ऐसी स्थिति में आपका यह जानना बेहद आवश्यक है कि कैसे आप हर वक्त कुछ ऐसा बोले जो सामने वाले व्यक्ति को दिलचस्प लगे हमारी अगली तकनीक इसी बारे में है जिसके अनुसार आपको बस इतना इना करना है कि आपको हर दिन की नवीनतम खबरों के बारे में एक साधारण सी जानकारी रखनी है अगर आप ऐसा कुछ नहीं सोच

(55:02) पा रहे हैं जो आपको लगता है कि सामने वाले को पसंद आएगा तो आप उस दिन की खबर और समाचार को अपनी बात का मुद्दा बना सकते हैं अक्सर लोग इसी तरह की चर्चाओं में शामिल होना पसंद करते हैं एक वीआईपी की तरह कैसे बात करें रूल नंबर 23 24 25 और 26 आप लोगों ने एक शब्द जरूर सुना होगा वीआईपी जब भी आप यह शब्द सुनते हैं तो आपके दिमाग में एक विचार जरूर आता होगा कि शायद यह व्यक्ति एक बहुत ही ताकतवर पद पर बैठा होगा या फिर इस व्यक्ति के पास बहुत सारा पैसा होगा वीआईपी का अर्थ होता है वेरी इंपॉर्टेंट पर्सन यानी कि एक ऐसा व्यक्ति जिसकी महत्वता बहुत अधिक है मगर महत्वता

(55:46) और ओहदा केवल पैसों से आता है ऐसा तो किसी ने नहीं कहा हालांकि हम अक्सर ऐसा देखते हैं कि जो व्यक्ति ऊंचे ओहदे पर बैठे होते हैं वह काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके पास पैसे भी अच्छे खासे होते हैं इसीलिए हम सोचते हैं कि वीआईपी व्यक्ति कोई ऊंचे पद पर बैठा एक पैसे वाला इंसान होगा मगर असल में वीआईपी व्यक्ति कौन होता है यह हम आपको बताते हैं वीआईपी व्यक्ति कोई भी हो सकता है इन वीआईपी व्यक्तियों की एक खास बात होती है कि उनके बोलने का अंदाज ऐसा होता है कि सामने वाले को यह लगता है कि उनकी महत्वता बहुत अधिक है हमारी अगली तकनीक कुछ सी प्रकार की

(56:26) होगी जिससे आप यह जान सकते हैं कि कैसे आप भी एक वीआईपी की तरह नजर आ सकते हैं एक वीआईपी की तरह नजर आने के लिए कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं जिनको करने से आपको बचना चाहिए इन चीजों में सबसे ऊपर आता है किसी से यह पूछना कि वह क्या करते हैं हम में से ज्यादातर लोग जब किसी नए व्यक्ति से मिलते हैं तो हमारा दूसरा या तीसरा सवाल उसके कार्य के बारे में होता है आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन जब भी हमसे कोई हमारी नौकरी के बारे में पूछता है तो हम अक्सर अपने जवाब को लेकर थोड़ा संकोच महसूस करते हैं क्योंकि हर किसी की नौकरी एक बड़े बैंकर की नहीं होती इसी कारण हमें

(57:05) यह मानकर चलना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति इस सवाल से असहज हो सकता है इसीलिए हमें आप क्या करते हैं सवाल को सीधा-सीधा पूछने से बचना चाहिए इससे सामने वाले व्यक्ति को ऐसे लगना चाहिए कि आप उनके साथ बातचीत करना चाहते हैं वोह भी बिना इस बात की परवाह किए कि वह क्या करते हैं अब यहां यह सवाल उठता है कि आप सामने वाले व्यक्ति की नौकरी के बारे में कैसे जान सकते हैं सामने वाले व्यक्ति के काम के बारे में जानने के लिए आपको उनसे केवल यही पूछना है कि आप अपना अधिकतर समय कैसे बिताते हैं फिर वह व्यक्ति अपनी सहजता के आधार पर अपने काम के बारे में आपको

(57:47) बताएगा अब आप यह सोच रहे होंगे कि तब क्या करें जब कोई आपसे पूछे कि आप क्या करते हैं तो ध्यान रखें कि उस वक्त भी आपको इसी सवाल का सीधा-सीधा जवाब नहीं देना है उस स्थिति में हमारी 25वीं तकनीक आपके काम आएगी हमारी 25वीं तकनीक यह कहती है कि जब भी आपसे कोई यह पूछे कि आप क्या काम करते हैं तो जवाब देने से पहले आप अपने आप से यह सवाल करें कि उस व्यक्ति को आप में क्या दिलचस्पी हो सकती है क्या वह आपके साथ व्यापार करना चाहता है क्या वह आपका दोस्त बनना चाहता है या क्या वह आपका बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड बनना चाहता इस आधार पर आप अपना एक छोटा रिज्यूमे

(58:29) हमेशा अपने दिमाग में तैयार रखें और उसके आधार पर ही उन्हें जवाब दें अगर वह व्यक्ति बस एक साधारण सा व्यक्ति है जो मात्र आपसे जान पहचान करना चाहता है तो आप हमारी पहले की बताई गई तकनीक का इस्तेमाल एक वीआईपी की तरह बनने के लिए एक चीज और है जो आपके लिए काफी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है वह चीज है आपके अंदर की स्मार्टनेस लोग हमें अक्सर हम जितने स्मार्ट होते हैं उतना ही देख पाते हैं लेकिन एक तकनीक ऐसी भी है जिससे आप जितने स्मार्ट हैं उससे भी अधिक स्मार्ट आप लोगों को दिख सकते हैं इस तकनीक के अनुसार आप अपनी बोलचाल में इस्तेमाल होने वाले शब्दों को थोड़ा बदलिए

(59:07) यह एक सोची समझी बात है कि जिस व्यक्ति के पास शब्दों का संग्रह अधिक बड़ा होता है वह व्यक्ति अक्सर एक बुद्धिमान व्यक्ति के तौर पर देखा जाता है इसी कारण आप आमतौर पर जो भी शब्द इस्तेमाल करते हैं उन्हें आप दूसरे व अलग शब्दों से बदलने की को कोशिश कीजिए इससे थोड़े ही दिनों में आप इन शब्दों पर भी महारत हासिल कर लेंगे और जब अगली बार आप यह शब्द इस्तेमाल करेंगे तब आप एक बेहद स्मार्ट व्यक्ति के तौर पर उभर कर आएंगे उतावले पन से कैसे बचे रूल नंबर 27 28 और 29 उस इंसान के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद कीजिए जिसके साथ आपकी कई

(59:47) आदतें मिलती हो जब भी आप यह सुनते हैं कि सामने वाला व्यक्ति भी आपकी तरह ही सोचता है या आपसे मिलती जुलती पसंद रखता है तो आप उनके साथ खुलकर बात करने के लिए उतावले हो जाते हैं और सामने वाले व्यक्ति को यह बताने लगते हैं कि कैसे आप दोनों बिल्कुल एक जैसे हैं यह उतावलापन सामने वाले व्यक्ति को ऐसा एहसास दिलाता है कि आप अकेले और बिना कोई दोस्त वाले व्यक्ति हैं इसीलिए इस बात के पूरे आसार हैं कि वह आप में ज्यादा दिलचस्पी ना ले इसी कारण हमें यह सीखना जरूरी है कि हम कैसे इस उतावले पन की आदत को दूर करें हमारी अगली तकनीक आपको यही सिखाएगी

(1:00:25) कि आप कैसे अपने उतावले पन की आदत को दूर कर सकते हैं जब भी आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो आपसे काफी मिलता जुलता हो तब आप तेजी से किसी भी निष्कर्ष पर ना पहुंचे अपनी हर आदत को धीरे-धीरे उनके सामने लाएं जितना आप उनको अपनी आदतें बताने के लिए इंतजार करवाएंगे उतना ही आप एक आत्मविश्वास व्यक्ति के तौर पर उभर कर आएंगे इसके बाद आप एक और परिस्थिति के बारे में विचार कीजिए जहां आपको सामने वाले व्यक्ति से सम्मान और प्रेम की आवश्यकता है जो हम सबको होती है तो क्या ऐसी भी कोई तकनीक है जिससे आप सामने वाले व्यक्ति का प्रेम या आदर हासिल कर सकते

(1:01:05) हैं इसके लिए आपको बस एक साधारण सी बात ध्यान में रखनी है कि जब भी आप किसी से बात करें तो हमेशा बातचीत की शुरुआत सामने वाले व्यक्ति के बारे में बात करके करें ना कि खुद के बारे में इसका कारण यह है कि हम जब भी किसी व्यक्ति को यह बताते हैं कि हमारे मन में उनके प्रति कितना सम्मान है तो वह अपने आप ही हमें सम्मान देता है अब जब आप इतनी सारी तकनीकें सीख चुके हैं तो ऐसा संभव है कि लोग यह देखने लगे कि आप हर व्यक्ति से इतनी ही गर्म जोशी के साथ मुस्कुरा कर बात करते हैं इसका असर यह भी हो सकता है कि लोग यह समझना बंद कर दें कि

(1:01:43) आप उन्हें अपने लिए एक विशेष व्यक्ति मानते हैं हमारी अगली तकनीक आपको यह सिखाएगी कि कैसे लोगों को यह महसूस करवाएं कि वह एक खास व्यक्ति हैं आप जब भी किसी व्यक्ति से मिले तो उस व्यक्ति के लिए विशेष प्रकार की मुस्कुराहट अपने दिमाग में सोच कर रखें जो व्यक्ति आपके लिए जितना खास है उसे उसी प्रकार की मुस्कुराहट दे हर जगह पर एक ही तरह से मुस्कुराना आपकी मुस्कुराहट को लोगों के लिए झूठा साबित कर सकता है इसलिए जो लोग आपके बहुत करीब हैं उनको एक विशेष मुस्कुराहट दें ताकि उन्हें यह एहसास हो कि वह आपके जीवन में एक विशेष स्थान रखते

(1:02:22) हैं किसी के सामने बेवकूफ दिखने से कैसे बचे रूल नंबर 30 से 33 कई बार हम बातचीत करते करते यह भूल जाते हैं कि वह कौन सी बातें हैं जो हमें एक बेवकूफ की तरह प्रदर्शित कर सकती हैं इसी कारण हम जब भी कुछ बोलते हैं तो हमें इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि कहीं यह बात हमें एक बेवकूफ की तरह तो नहीं दिखाएगी हमारी तीवी तकनीक आपको यही सिखाएगी कि कैसे आप बेवकूफी भरी बातें करने से खुद को बचा सकते हैं इस तकनीक में बस एक छोटी सी बात है जो आपको ध्यान में रखनी है और वह यह है कि जब भी आप किसी व्यक्ति से मिले तो ऐसे वाक्यों का इस्तेमाल ना करें जो बेहद अधिक इस्तेमाल

(1:03:03) किए जाते हैं इन वाक्यों को बार-बार इस्तेमाल किए जाने पर आप एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर उभर कर आएंगे जिसे सोचने का संयम नहीं है और सामने वाला व्यक्ति आपको बेवकूफ समझने लगेगा खुद को बेवकूफी करने से बचाने के बाद अब बारी है खुद को एक प्रेरणादायक वक्ता की तरह प्रदर्शित करने की हमारी अगली तकनीक आपको यह सिखाएगी कि कैसे आप एक प्रेरणादायक वक्ता की तकनीकों का इस्तेमाल करके खुद को एक बेहतरीन व्यक्ति के तौर पर प्रदर्शित कर सकते हैं इसके लिए आपको यह ध्यान रखना है कि जब भी आप कोई बात कहे तो उस बात का संदर्भ सबसे मिलता जता होना चाहिए वह बात एक

(1:03:43) बुद्धिमत्ता पूर्ण बात होनी चाहिए जिसमें थोड़ी लय और यदि माहौल अच्छा हो तो बाद में थोड़ा मजाकिया अंदाज भी लाया जा सकता है इस तकनीक के साथ आप अपनी बात को उतनी ही आसानी से लोगों के दिमाग तक पहुंचा सकते हैं जैसे एक प्रेरणादायक वक्ता अपने श्रोताओं तक अपनी बात पहुंचाता है बेवकूफी भरी एक और बड़ी गलती जो अक्सर लोग करते हैं वह यह है कि अक्सर लोग शब्दों के जाल में फंस जाते हैं वह कई बार सामने वाले व्यक्ति को नाराज ना करने के लिए शब्दों के साथ हेराफेरी करने की कोशिश करते हैं जो अपने आप में एक बेहद गलत निर्णय है बेवकूफी करने से बचने के लिए आपको हमेशा

(1:04:22) जो शब्द आपके दिमाग में होते हैं उन्हें कहने की क्षमता रखनी चाहिए ऐसे व्यक्ति भले ही एक बार के लिए किसी को अकडू नजर आएंगे लेकिन धीरे-धीरे लोग यह समझ जाएंगे कि वास्तव में आप अपनी जगह पर सही है इस तकनीक से आप अपने जीवन की कई सारी गैर जरूरी समस्याओं से पच सकते हैं इसके बाद वो बेवकूफी वाली हरकत जो अक्सर थोड़े मजाकिया अंदाज वाले लोग करते हैं कई बार हमें सामने वाले व्यक्ति के बारे में कुछ ऐसा पता चलता है जो हमारी नजर में काफी मजाकिया होता है अब कई लोग यहां पर यह गलती करते हैं कि वह इस बात पर उस व्यक्ति का मजाक उड़ाने लगते हैं लेकिन हमारी इस

(1:05:01) अगली तकनीक के अनुसार आपको कभी भी किसी और का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए यह आपको बहुत भारी पड़ सकता है गंभीर परिस्थितियों का सामना कैसे करें रूल नंबर 34 से 37 ऐसा नहीं हो सकता कि आपकी हर बातचीत एक खुशनुमा बातचीत हो कई बार ऐसा हो सकता है कि आपको किसी को कोई बुरी खबर भी देनी पड़ जाए उस वक्त जाने अनजाने में कई बार ऐसा होता है कि हम उस तरह से व्यवहार नहीं करते जैसा सामने वाला व्यक्ति हमसे उम्मीद करता है उदाहरण के लिए यदि आपको किसी को कोई बुरी खबर देनी हो और आप अगर यह खबर उस व्यक्ति को मुस्कुराते हुए दें तो अवश्य ही वह व्यक्ति आपके बारे में अच्छा नहीं

(1:05:44) सोचेगा हमारी अगली तकनीक यही बताती है कि जब भी आप किसी को कोई बात बोले तो उस वक्त अपने मूड को दरकिनार कर उस खबर को को सुनकर सामने वाले व्यक्ति की क्या प्रतिक्रिया होगी उस आधार पर अपने चेहरे के भाव और अपना व्यवहार रखें खराब परिस्थिति की सूची में एक ऐसी स्थिति भी है जहां कोई आपको बार-बार एक ही प्रकार का सवाल पूछकर परेशान करता है यह सवाल ऐसा होता है जिसका आप जवाब देना नहीं चाहते तो क्या कोई ऐसी तकनीक है जिससे आप इन सवालों का जवाब देने से बच सकें यह एक सामान्य सी तकनीक है जिसका इस्तेमाल करने के लिए आपको बस इतना करना है कि जब भी कोई

(1:06:27) व्यक्ति आपसे ऐसा सवाल पूछे तो आप उस व्यक्ति को कोई अनिश्चित सा जवाब दें जब वह व्यक्ति एक स्पष्ट जवाब के लिए फिर से आपसे सवाल पूछे तो आप वही जवाब दोबारा दोहराए आपने राजनेताओं और बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज को ऐसे कई विवादास्पद सवालों के जवाब देते सुना होगा इस तरह वह सामने वाले व्यक्ति को भी चुप करा देते हैं अब बात करते हैं हमारी अगली तकनीक की आप अपने पसंदीदा अभिनेता या अभिनेत्री के बारे में सोचिए अब यह उम्मीद कीजिए कि वह सेलिब्रिटी आपके सामने खड़ा है तब आप उनसे क्या बात करेंगे आप जरूर नर्वस हो जाएंगे लेकिन एक ऐसी तकनीक भी है जिससे आप यह सीख

(1:07:09) सकते हैं कि जब कभी भी आप किसी सेलिब्रिटी से मिले तो उनसे कैसे बेहतरीन तरीके से बात करें इस तकनीक में एक साधारण सा नियम शामिल है कि जब भी आप किसी प्रसिद्ध हस्ती से मिले तो बार-बार उनके काम की प्रशंसा ना करें क्योंकि एक ऐसी चीज है जिसको सुनने के वह आदी हो चुके हैं आप बस उतना कहिए कि आप उन्हें देखकर अच्छा महसूस कर रहे हैं अगर आपको उनके काम की तारीफ ही करनी है तो उनके नवीनतम काम के बारे में बताएं ना कि उनके पुराने काम के बारे में जो उनके दिमाग में काफी धुंधला हो चुका हो इसके बाद एक और तकनीक है जो केवल एक छोटी सी

(1:07:46) सलाह है जो आपको हर वक्त याद रखनी है हम जब भी किसी को थैंक यू बोलते हैं तो हम केवल थैंक यू ही बोलते हैं लेकिन कभी भी सिर्फ थैंक यू ना बोलकर इसके साथ जिस कार्य के लिए आप उनको शुक्रिया कहना चाहते हैं उसको भी जोड़ दे उदाहरण के लिए जैसे मेरी मदद करने के लिए आपका शुक्रिया इससे सामने वाले व्यक्ति को ऐसा एहसास होता है कि आप उनकी मदद को स्वीकार कर रहे हैं और उनके वास्तव में शुक्रगुजार हैं एक मॉडर्न व्यक्ति के तौर पर खुद को कैसे निखारे रूल नंबर 38 से 42 आपने कई बार ऐसे लोगों को देखा होगा जो हर तरह के लोगों के साथ घुल मिल जाते हैं उन लोगों

(1:08:28) को बहुत ज्यादा जानकारी होती है और वह आसानी से हर समूह का केंद्र बन जाते हैं आप सोचते होंगे कि इन लोगों में ऐसा क्या है जो हर चीज की जानकारी रख लेते हैं ऐसे लोगों को मॉडर्न कहा जाता है मॉडर्न व्यक्ति का अर्थ वह लोग नहीं होते जो नए और ब्रांडेड कपड़े पहनते हो बल्कि यह ऐसे लोग होते हैं जो अपने आसपास चल रही चीजों को लेकर बहुत जागरूक होते हैं हमारी यह तकनीक आपको सिखाएगी कि कैसे आप भी एक मॉडर्न व्यक्ति बन सकते हैं महीने में एक बार आप अपने आप पर गौर कीजिए और कुछ ऐसा कीजिए जो आपने कभी सोचा भी ना हो उदाहरण के लिए जैसे किसी नए खेल में हिस्सा लीजिए

(1:09:08) किसी नई चीज पर लोगों को भाषण दीजिए क्योंकि इन्हीं चीजों से मिलने वाला अनुभव आपको एक मॉडर्न व्यक्ति बनाएगा मॉडर्न व्यक्ति की दूसरी खास बात यह होती है कि उसे कई चीजों की जानकारी होती है हमें लगता है कि यह जानकारी उन्हें किताबें पढ़कर मिली है जबकि वास्तविकता यह होती है कि यह जानकारी उन्होंने अपने अनुभवों से हासिल की होती है इन जानकारियों में सबसे महत्त्वपूर्ण है अलग-अलग प्रकार के व्यवसाय और नौकरियों के बारे में पता होना इसलिए जब भी कोई व्यक्ति आपको अपनी नई नौकरी के बारे में बताए तो आपको उस बारे में जानकारी हो इससे ऐसा होगा कि उस

(1:09:45) व्यक्ति को यह लगेगा कि आप उस क्षेत्र का अनुभव रखते हैं इससे आपकी उस व्यक्ति से नजदीकियां भी बढ़ जाएंगी अब आप आप सोच रहे होंगे कि भला हम उनकी नौकरी के बारे में ज्यादा क्या बात कर सकते हैं तो यहां काम आएगी हमारी 40 वं तकनीक जो यह कहती है कि आपको हर मुख्य व्यवसाय में चल रहे मुद्दों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए जब भी आपको उस व्यवसाय से जुड़ा कोई व्यक्ति मिले तो उस मुद्दे पर आपको उनसे बात करनी चाहिए इससे उनको एहसास होगा कि आप उनके काम के बारे में जानकारी रखते हैं और तब आप उनके सामने एक बुद्धिमान व्यक्ति के तौर पर उभर कर आएंगे एक मॉडर्न व्यक्ति की

(1:10:24) तरह नजर आने के लिए जो अगली सलाह हम देने जा रहे हैं व यह है कि आपको सामने वाले की जिंदगी के बारे में थोड़ा बहुत पता होना चाहिए अगर आप उस व्यक्ति को प्रभावित करना चाहते हैं तो आपको इस बात की जानकारी रखनी चाहिए कि वह अपनी जिंदगी में क्या कर रहे हैं हमारी अगली तकनीक यही सिखाती है कि आप जिस भी व्यक्ति से मिल रहे हो तो आपको उसके बारे में यह पता होना चाहिए कि वह किस विशेष खेल में रुचि रखते हैं या उनकी किस विशेष विचारधारा में रुचि है अब आप जब भी उनसे बात करें तो इन चीजों को मुद्दा बनाएं इससे वह व्यक्ति आपसे बात करने में बेहद दिलचस्पी लेगा इसके बाद जो

(1:11:03) सलाह आती है वह मॉडर्न व्यक्ति बनने के लिए हमारी आखिरी सलाह है हम में से अधिकतर लोग विदेश घूमने की इच्छा रखते हैं वहीं हम में से कई लोग ऐसे भी हैं जो विदेश जाने की बात से ही घबरा जाते हैं हम यह सोचते हैं कि उन देशों में जाकर हम कैसे वहां के लोगों से बात कर पाएंगे हमारी अगली तकनीक आपको यही सिखाएगी कि कैसे विद जाकर वहां के लोगों से ऐसी बातचीत कर सकते हैं जिससे कि वह लोग आपसे प्रभावित हो जाए आप जब भी विदेश जाएं तो सबसे पहली बात यह पता करें कि उस देश के लोग किस चीज को अच्छा मानते हैं और किसे बुरा हर देश के अपने अपने रीति रिवाज होते हैं आप उन

(1:11:41) रिवाजों के बारे में जाने और देखें कि कौन सी बातें वहां के लोगों को अच्छी लग सकती हैं वहां के लोग एक दूसरे को शुक्रिया कैसे कहते हैं और गिफ्ट में क्या देते हैं अगर आप इन चीजों के बारे में जान लेंगे तो उस देश के लोग भी यह जानकर हैरान होंगे कि कैसे एक दूसरे देश से आया व्यक्ति उनकी संस्कृति के बारे में इतना कुछ जानता है अपने मन की बात कैसे बताएं रूल नंबर 48 से 51 ऐसा कई बार हुआ होगा जब आप किसी से कोई बात करना चाहते हैं लेकिन वह बात आप ठीक तरीके से सामने वाले व्यक्ति को समझा नहीं पाते कई बार ऐसा भी होता होगा जब सामने

(1:12:19) वाला व्यक्ति आपको गलत समझ बैठे इस स्थिति में हमारी अगली तकनीक आपको सिखाएगी कि कैसे आप अपने मन की बात सामने वाले व्यक्ति को बता सकते हैं इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले सामने वाले व्यक्ति के हाव भाव देखने होंगे कुछ लोगों को देखकर चीजें समझने की आदत होती है तो वहीं कई लोग ऐसे होते हैं जिनको सुनकर चीजें समझने की आदत होती है इसलिए सबसे पहले आपको यह पता करना है कि जिस व्यक्ति से आप बात कर रहे हैं उस व्यक्ति की चीजों को समझने की प्रक्रिया क्या है और फिर उसी के अनुसार आप अपनी बातें उनसे कहे अपने मन की बात बताने के

(1:12:57) बाद आप सामने वाले व्यक्ति का भरोसा काफी हद तक जीत सकते हैं लेकिन इसे और प्रभावशाली बनाने के लिए आपको हमारी अगली तकनीक काम आएगी इसके लिए आपको बस इतना करना है कि जब भी आप किसी व्यक्ति से बात करें तो मैं या तुम जैसे शब्दों की जगह हम या हमारा जैसे शब्दों का इस्तेमाल करें इससे सामने वाले व्यक्ति को आपके नजदीक होने का आभास होगा इन दोनों तकनीकों को इस्तेमाल करने के बाद अब बारी आती है हमारी 50वीं तकनीक को आजमाने की इस तकनीक के इस्तेमाल से आप सामने वाले व्यक्ति के एकदम करीब आ सकते हैं आपको केवल इतना करना है कि आपको उस

(1:13:36) व्यक्ति के साथ बिताए अपने किसी खास क्षण को याद करना है जब भी आप उस व्यक्ति से कुछ वक्त के लिए मिले तो यह कोशिश कीजिए कि उस व्यक्ति के साथ आप कुछ ऐसा कर पाए जो आप दोनों के लिए एक अच्छी याद बन जाए भले ही आप उनके साथ छोटा सा मजाक करें करें लेकिन जब अगली बार आप उनसे मिलेंगे तो आप दोनों उन अच्छी यादों को याद करें इससे वह आपके काफी गरीब महसूस करेंगे अपनी मन की बातें करते वक्त कई बार ऐसा भी हो जाता है कि आपको किसी की तारीफ करनी है लेकिन ऐसा भी होता है कि आप तारीफ करते हैं लेकिन सामने वाले व्यक्ति को लगता है कि आप शायद उनकी झूठी तारीफ कर रहे हैं

(1:14:16) इसीलिए जरूरी हो जाता है कि हम एक टेक्नीक ऐसी बताएं जिससे कि आप यह सीख सके कि किसी व्यक्ति की तारीफ कैसे कर करनी होती है तो यह काम वास्तव में आप नहीं उस व्यक्ति का कोई दोस्त करेगा जिस व्यक्ति की आपको तारीफ करनी है आप बस उनके किसी दोस्त के सामने उस व्यक्ति की तारीफ कर दीजिए वह दोस्त अपने ही आप उस व्यक्ति को आपके द्वारा की गई तारीफ के बारे में उन्हें बता देगा इससे यह होगा कि उस व्यक्ति को आप ऐसे व्यक्ति नहीं लगेंगे जो केवल मुंह पर झूठी तारीफें करते हैं बल्कि आप ऐसे व्यक्ति के तौर पर उभर कर आएंगे जो लोगों के पीठ पीछे भी उनकी तारीफें ही करते हैं

(1:14:54) रूल नंबर 52 से 57 आपने अक्सर ऐसे लोगों को देखा होगा जो हर वक्त बस दूसरों की बुराइयां करने में लगे रहते हैं हमारी अगली 5वी तकनीक यही कहती है कि आपको लोगों की बुराइयां नहीं बल्कि हर जगह उनकी तारीफें करनी चाहिए इससे आप एक सकारात्मक व्यक्ति की तरह नजर आएंगे जिससे लोगों का आप पर भरोसा भी मजबूत होगा अच्छी बातें करने वाले व्यक्ति का एक और नियम जो हमारी 5वी तकनीक भी है व यह है कि आपको किसी भी व्यक्ति की तुलनात्मक तारीफ नहीं करनी चाहिए उदाहरण के लिए यदि आप किसी लड़की से कहते हैं कि उसका रंग सांवला होने के बावजूद भी वह सुंदर दिखती है अब यहां आपको

(1:15:36) ऐसा लग रहा होगा कि आपने उस लड़की की तारीफ की है मगर वास्तव में यह बात लोगों को बेहद बुरी लगने वाली होती है इसीलिए आपको इस प्रकार की तुलनात्मक तारीफें करने से बचना चाहिए अब तक हम खुलकर तारीफें करने के बारे में दो तकनीकें सीख चुके हैं अब बारी आती है उस तकनीक की जो आपको सिखाएगी कि बातों ही बातों में किसी की तारीफ कैसे कर सकते हैं इसके लिए आपको सामने वाले व्यक्ति की तारीफ सामान्य तौर पर बातें करते दौरान करनी चाहिए इससे उस व्यक्ति को आपकी तारीफ समझ में भी आ जाएगी और वह आपसे इस बात के लिए प्रभावित भी हो जाएगा इन तारीफों के

(1:16:15) बाद अब बारी आती है किसी व्यक्ति की ऐसी तारीफ करने की जिससे उसका आपसे प्रभावित होना तय है इसके लिए आपको व्यक्ति की खास योग्यता या गुण का पता लगाना है और आप जब भी बात कर रहे हो तो बीच में ही उनकी इस विशेषता को उनके सामने लाएं और उनको इसके लिए प्रोत्साहित करें यह तरीका आपको एक ही बार में उस व्यक्ति के करीब ले आएगा सामने वाले व्यक्ति को प्रभावित करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप हर बार उस व्यक्ति की तारीफों के पुल बांधे कुछ बातें छोटी होती है लेकिन उन बातों से लोगों को आसानी से प्रभावित किया जा सकता है हम हमारी 5वी

(1:16:54) तकनीक आपको यही सिखाएगी कि छोटी-छोटी बातों से आप कैसे अपने साथ के लोगों को प्रभावित कर सकते हैं उदाहरण के लिए आप आज अच्छे दिख रहे हैं यह काम आपने बढ़िया किया या बहुत खूब इत्यादि जैसी तारीफ करके आप उस व्यक्ति की नजरों में एक सकारात्मक व्यक्ति की पहचान बना लेंगे इसके बाद बारी आती है प्रशंसा करने के लिए सही समय की प्रशंसा या तारीफ तभी करना सही होता है जब सामने वाले व्यक्ति को उसकी सबसे अधिक जरूरत होती है जैसे मान लीजिए कि कोई व्यक्ति स्टेट से गाना या डांस करके उतरा हो तब वह अपने मन में शायद यही सोच रहा होगा कि उसका प्रदर्शन कैसा

(1:17:34) होगा उस वक्त यदि आप उसके पास जाकर यह बोलते हैं कि आपने बेहद उम्दा प्रदर्शन किया है तो आपके यह शब्द उसके मन में काफी गहरा असर कर सकते हैं इसी के साथ आपको एक और तकनीक भी इस्तेमाल करनी चाहिए जो यह है कि तारीफ एक बूमरैंग की तरह होनी चाहिए यानी कि जब सामने वाला व्यक्ति आपकी तारीफ करता है तो बदले में आप भी उसकी तारीफ में कुछ शब्द कहें फोन पर बातचीत के नियम रूल नंबर 58 से 70 हम सबके जीवन में एक ना एक व्यक्ति ऐसा जरूर होता है जिसे हम बेहद पसंद करते हैं और उसके साथ हम अपना जीवन भी व्यतीत करना चाहते हैं इसके लिए आपको

(1:18:12) स्वयं के अंदर एक सही साथी की झलक दिखाई देनी चाहिए एक सही साथी कोई अति विशेष व्यक्ति नहीं होता है बल्कि वो एक सामान्य व्यक्ति होता है जो बस अपने प्रेमी या प्रेमिका की छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखता है इसी स्थिति में आपके काम आएगी हमारी 59 वं तकनीक जो यह कहती है कि जब भी आपका पार्टनर आपको कोई छोटी सी बात कहे जो उन्हें खुश करती हो तो उस बात को अपने दिमाग के अंदर रखें और उसे बार-बार ना दोहराएं मगर किसी दिन सही अवसर मिलने पर आप उनसे वही बात कहें और बताएं कि कैसे उस दिन आप उन्हें खुश देखकर बेहद अच्छा महसूस कर रहे थे जब आपके साथी को यह पता चलेगा

(1:18:51) कि आप उनके बारे में इतनी छोटी-छोटी बातों का भी ख्याल रखते हैं तो उनकी नजरों में आप एक सही साथी की तरह नजर आएंगे एक सही साथी की अगली खास बात यह होती है कि वह अपने साथी को हमेशा वक्त देता है जब आप अपने साथी से दूर होते हैं तो मोबाइल ही एक मात्र साधन होता है जो आप दोनों को करीब लाता है ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आप यह जाने कि कैसे हम फोन पर उतने ही उत्साह के साथ बात कर सकते हैं जितनी हम किसी व्यक्ति के सामने होने पर करते हैं तो हमारी अगली तकनीक आपको यही सिखाएगी कि आप फोन पर अपने साथी के साथ कैसे बेहद उत्साह के साथ बात कर सकते हैं इस तकनीक

(1:19:32) को इस्तेमाल करने के लिए आपको केवल इतना करना है कि जब भी आपका साथी आपको कॉल करें तो आपको हर बात को अलग तरीके से बोलना है उदाहरण के लिए जब आप मुस्कुराते हैं तो वह मुस्कुराहट आपके आवाज के अंदर महसूस होनी चाहिए जब आप खुश होते हैं तो आपकी खुशी आपकी आवाज में महसूस होनी चाहिए इससे आपके साथी को यह पता चलेगा कि आप उनसे बात करके बहुत खुश हैं इसी क्रम में आती है हमारी अगली तकनीक अक्सर आपसे फोन पर बात करने वाला व्यक्ति आपसे काफी दूर होता है ऐसे में आपको अपने साथी को यह महसूस कराना है कि आप उनके बेहद करीब हैं इसीलिए आप जिस

(1:20:12) नाम से उन्हें पुकारते हैं उस नाम को बार-बार फोन पर दोहराते रहे जब भी आप किसी का नाम लेते हैं तो आपको उस व्यक्ति का ध्यान मिलता है इससे उसको लगता है कि आप लगातार उनके संपर्क में है और उनके करीब हैं क्या आपको पता है कि जब भी आपका साथी आपको फोन करता है तो आपको उससे सबसे पहले क्या कहना चाहिए यह भी एक बहुत जरूरी बात होती है और अक्सर लोग यहीं पर गलती कर बैठते हैं हमारी यह तकनीक आपको सिखाएगी कि जब भी आपका साथी या कोई अजीज दोस्त आपको फोन करें तो सबसे पहले आप उससे सामान्य तरह से बात करें इसके बाद जैसे ही आप अपने साथी या दोस्त की आवाज सुने तो एक उत्साह

(1:20:52) भरी आवाज के साथ उनसे बात करें इससे उन्हें यह मालूम चलेगा कि आप हर किसी से इतनी खुशी के साथ बात नहीं करते आप केवल अपने करीबी लोगों से ही इतने उत्साह के साथ बात करते हैं फोन करने वाले हमेशा आपको खुश करें यह बिल्कुल जरूरी नहीं है मान लीजिए आप एक कंपनी में काम करते हैं और आपको कोई व्यक्ति अनावश्यक तौर पर फोन किया जा रहा है ऐसे व्यक्ति को आप सीधा-सीधा मना भी नहीं कर सकते ऐसी स्थिति में आपको बचाएगी हमारी 63 व तकनीक इस तकनीक में आपको बस इतना करना है कि अपने सहयोगी कर्मचारी को अपना फोन उठाने के लिए कहना है और उस व्यक्ति से एकदम खुशी के

(1:21:30) साथ उसकी बात करानी है फोन पर बात करने के लिए एक तकनीक यह भी है कि आप जब भी किसी व्यक्ति को नियमित रूप से फोन करते हैं तो उनके घर व ऑफिस के करीबी लोगों की आवाजों को पहचाने इसके बाद जब भी उस व्यक्ति के करीबी लोग उनकी जगह पर फोन उठाएं तो आप उनसे भी थोड़ी देर के लिए बातचीत करें इससे आप उन लोगों के साथ भी भी अपनी जान पहचान गहरी कर पाएंगे और आपका काम जल्दी होने के आसार भी बढ़ जाएंगे फोन पर बात करते समय एक और तकनीक आपके बहुत काम आएगी यह तकनीक कहती है कि आप जब भी किसी व्यक्ति को फोन करते हैं तो फोन करने के ठीक बाद आपको पहला सवाल यह पूछना चाहिए कि

(1:22:13) यह आपसे बात करने का ठीक समय है इस तरह से आप किसी भी व्यक्ति को खुद से बात करने पर मजबूर नहीं करेंगे ऐसी ही एक और तकनीक है जो आपको हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए वो तकनीक है कि जब भी आप किसी व्यक्ति से बात कर रहे हो और उसी दौरान आपको उनके पीछे से किसी चीज की आवाज आए जैसे किसी व्यक्ति द्वारा उन्हें बुलाने की कुत्ते की भोंकने की या किसी बच्चे के रोने की तो आप तुरंत उनसे पूछे कि क्या वह अभी व्यस्त हैं इससे यदि वह व्यक्ति व्यस्त होगा भी तब भी आप उसको एक बेहद ही सहज व्यक्ति के तौर पर नजर आएंगे फोन के साथ-साथ जब भी आप किसी को

(1:22:51) वॉइस मेल भेजें तो अपनी वॉइस मेल को हमेशा साधारण रखें वॉइस मेल में घुमा फिरा कर बात ना करके सीधा मुद्दे की बात करें यही हमारी अगली तकनीक भी है आपके साथ ऐसा कितनी बार हुआ होगा जब आप किसी को फोन करते हैं तो वह फोन उठाकर कहते हैं कि वह थोड़ी देर में वापस फोन करेंगे लेकिन उनका फोन वापस नहीं आता मगर आप उनके फोन का इंतजार करते रहते हैं हमारी अगली तकनीक आपको यही सिखाएगी कि किसी व्यक्ति को आप ऐसा क्या बोले जिससे वो व्यक्ति आपको दोबारा फोन करें इसके लिए जब भी आप किसी को फोन करें तो ऐसा सोचिए जैसे आप किसी हॉलीवुड फिल्म के ऑडिशन के लिए जा रहे हो

(1:23:32) जहां आपके पास सिर्फ 10 सेकंड है अपनी बात कहने के लिए इन्हीं 10 सेकंड में आपको जो जरूरी बात कहनी है वह कह दीजिए इसके बाद वह व्यक्ति आपको वापस फोन करेगा यह पूरी तरह से संभव है अब बात करते हैं जब भी आप किसी महत्त्वपूर्ण व्यक्ति से बात करने के लिए उन्हें फोन करते हैं ऐसे में अक्सर उनके सेक्रेटरी आपको कोई सेल्समैन समझकर आपकी बात उस वीआईपी व्यक्ति से नहीं कराते हमारी अगली तकनीक में हम आपको यह सिखाएंगे कि कैसे आप वीआईपी व्यक्ति के सेक्रेटरी से ऐसी बातें करें जिनसे उनको लगे कि आप उस वीआईपी व्यक्ति के अच्छे दोस्त हैं

(1:24:10) इसके लिए आपको यह करना है कि जब भी आप ऐसे वीआईपी व्यक्ति को फोन करें और उनके सेक्रेटरी फोन उठाए तो आपको बस यह कहना है कि हेलो मिस्टर मैं फलां व्यक्ति बोल रहा हूं इसमें आप अपना नाम लेंगे और उसके बाद आप कहेंगे कि क्या वह वीआईपी व्यक्ति का नाम जिससे आप बात करना चाहते हैं अभी अंदर हैं अब जब आप उस वीआईपी व्यक्ति के बारे में इतने साधारण होकर बात करेंगे तो उनके सेक्रेटरी को भी यही लगेगा कि शायद आप दोनों अच्छे दोस्त हैं इससे आपकी और उस वीआईपी की बातचीत होने के आसार बढ़ जाएंगे फोन पर बातचीत के लिए हमारी आखिरी तकनीक यानी तकनीक नंबर 70 में आप यह सीखेंगे कि

(1:24:49) जब भी आपका कोई व्यवसायिक फोन आए तो उसे रिकॉर्ड अवश्य करें फिर उस रिकॉर्डिंग को एक या दो बार फिर से सुने इससे आपको खुद पता चलेगा कि आपकी कौन सी बातें आपके सहायक व्यापारियों को असहज कर सकती है पार्टियों में होने वाली गलतियों से कैसे बचे रूल नंबर 71 से 77 आपने कई बार ऐसा महसूस किया होगा कि अक्सर आप पार्टियों में बैठकर यह उम्मीद कर रहे होते हैं कि कोई व्यक्ति आपसे आकर बात करें लेकिन पूरी पार्टी के दौरान कोई व्यक्ति आपसे आकर बात नहीं करता तब आप यह सोच कि क्यों कोई आकर आपसे बात नहीं कर रहा तो हम आपको बता दें कि कुछ ऐसी गलतियां होती हैं जो कई लोग

(1:25:29) पार्टियों के दौरान करते हैं हमारी अगली कुछ तकनीकें आपको यही सिखाएंगे कि कैसे आप इन गलतियों से बचकर पार्टियों में नए लोगों से मुलाकात कर सकते हैं इसमें सबसे पहली चीज यह है कि आपको पार्टियों में हर वक्त बस खाते पीते नजर नहीं आना चाहिए इसके अलावा आप स्वयं भी इस बात का ध्यान रखें कि जब कोई व्यक्ति खाना खा रहा हो तो उस वक्त उसे परेशान ना करें बाकी लोग भी इसी बात का ध्यान रखते हैं इसलिए जब आप कुछ खा पी रहे होते हैं तो लोग आपसे बात करने से बचते हैं इसी के चलते आप अपना पहला काम यह कीजिए कि खाने या पीने जैसी चीजें आप पार्टियों में एक

(1:26:09) विशेष समय में ही करें जब आप खाली बैठे होंगे तब ही लोग आपसे बातचीत करने के लिए उत्सुक होंगे क्योंकि तब उन्हें यह पता होगा कि आप इस वक्त बातचीत करने के लिए उपलब्ध है अब बारी यह जानने की आती है कि किसी भी पार्टी में एंट्री कैसे ले जब भी आप किसी पार्टी में जाएं तो उस कमरे के मुख्य द्वार पर थोड़ी देर के लिए रुके और एक नजर पूरे कमरे में घुमा ले इससे आपके दिमाग में वहां के हालात की पूरी जानकारी बैठ जाएगी और बाकी लोग भी आपको तब तक देख पाएंगे अब जब आप पार्टी में पहुंच जाए तो मान लीजिए कि वहां एक ऐसा व्यक्ति है जिससे आप बात करना चाहते हैं ऐसी स्थिति

(1:26:49) में हमारे दिमाग में अक्सर यह आता है कि हम बातचीत की शुरुआत नहीं करेंगे लेकिन हमारी 73 व तकनीक यह सिखाती है कि जब भी आप किसी व्यक्ति से बात करना चाहते हैं तो इस बात का बिल्कुल इंतजार ना करें कि सामने वाला व्यक्ति आकर आपसे बात करेगा आपको खुद ही उस व्यक्ति से बात कर लेनी चाहिए इसके बाद हमारी अगली तकनीक यह कहती है कि पार्टी के दौरान आप खुद की बॉडी मूवमेंट्स ऐसी रखें जिससे लोगों को ऐसा लगे कि आप नए लोगों से बातचीत करना चाहते हैं ना कि उनसे दूर रहना चाहते हैं उदाहरण के लिए जैसे आप अपने हाथों को बांध कर ना रखें इन चीजों का ध्यान रखकर आप नए लोगों

(1:27:27) को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं इसी पार्टी में जब आप उस खास व्यक्ति से मिले तो सबसे पहले आप उनको एक सुपरस्टार की तरह महसूस कराएं अब आप सोच रहे होंगे कि यह आप कैसे कर सकते हैं तो इसके लिए हमारे पास हमारी तकनीक नंबर 75 है इस तकनीक के अनुसार जब भी सामने वाला व्यक्ति आपसे कुछ बात कर रहा हो तो उसकी छोटी-छोटी बात भी आप अपने दिमाग में रखें और जहां भी आपको मौका मिले आप उनकी छोटी से छोटी सफलता पर भी तारीफ करें इससे वह व्यक्ति आपसे बहुत प्रभावित होगा क्योंकि आप उनकी मामूली सी सफलता पर भी इतना प्रोत्साहन दे रहे हैं हमारी 76 वं तकनीक भी कुछ इस प्रकार की है

(1:28:10) इसमें भी आपको सामने वाले व्यक्ति की छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखना है अगली बार जब भी आप उनसे मिले तो बातों ही बातों में उन्हें बताएं कि आपको कैसे उनके बारे में यह छोटी-छोटी बातें याद हैं हमारी अगली तकनीक खास तौर से सेल्स में काम कर रहे लोगों के लिए है इन लोगों को यदि अपनी सेल्स आगे बढ़ानी है तो उन्हें अपने ग्राहकों की छोटी से छोटी शारीरिक हलचल को भी ध्यान में रखना होगा हर व्यक्ति अपने अंदर से खास तरह के संकेत देता है जो उस व्यक्ति की शारीरिक हलचल को देखकर समझ में आ सकते हैं सेल्स में काम कर रहे व्यक्ति को इन शारीरिक

(1:28:47) हलचल को महसूस करना आना चाहिए इसके आधार पर ही वह अपने ग्राहकों को अपना उत्पाद खरीदने के लिए मना सकते हैं कैसे छोटी-छोटी बातों से जीते दिल रूल नंबर 78 से 82 एक विजेता या बुद्धिमान व्यक्ति की खास बात यह होती है कि वह कभी भी किसी व्यक्ति को हर छोटी बात के लिए टोकता नहीं है एक समझदार व्यक्ति सामान्य मानव व्यवहार को बहुत अच्छे से समझता है इसके अलावा वह बातचीत के दौरान होने वाली कई तरह की समस्याओं जैसे अटकना हकलाना इत्यादि को हमेशा नजरअंदाज करता है तो अगर आप के साथ वाला व्यक्ति भी ऐसी कोई सामान्य सी गलती करें तो उसकी कभी आलोचना ना करें इसके बाद

(1:29:29) जो दूसरी चीज हम देखते हैं वह यह है कि कई बार हम बातों ही बातों में किसी और व्यक्ति की बात को बीच में टोक देते हैं इससे उस व्यक्ति की बात अधूरी रह जाती है इसीलिए आपको हमेशा यह ध्यान रखना है कि जिस भी व्यक्ति की बात अधूरी रह गई हो आप उसे अपनी बात पूरी करने का मौका दें यदि कोई आपकी बात को बीच में काटता है तो इस बात के लिए आपको बुरा महसूस करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है इस तकनीक के बाद हमारी अगली बात की शुरुआत उस तकनीक से होती है जो आपको यह सिखाती है कि जब भी आप किसी व्यक्ति से मदद मांगे तो आप अपने इरादे उन्हें पहले से ही बता दें ऐसा ना

(1:30:10) करें कि आप उनसे मदद किसी और चीज के लिए मांग रहे हैं और जब वह आपके पास आए तो आप उनसे अतिरिक्त मदद मांगने लगे यह एक चालबाज व्यक्ति की निशानी होती है इसलिए ऐसा करने से ब आपके दोस्तों ने कई बार आपको कहीं ऐसा कहा होगा कि वह आपकी उस बात पर मदद करना चाहते हैं तब आप यह सोचते हैं कि ऐसा करने से शायद आप किसी दूसरे पर निर्भर नजर आएंगे और इसीलिए उन्हें मना कर देते हैं लेकिन हमारी 8वीं तकनीक के अनुसार जब भी आपका कोई करीबी आपकी मदद करने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाए तो खुले दिल से उसकी मदद को स्वीकार कीजिए और तहे दिल से उन्हें

(1:30:48) शुक्रिया भी कहिए अपने दोस्तों के बीच होटल और रेस्टोरेंट के बिल चुकाने को लेकर बहस को अक्सर देखा होगा जहां कई बार एक ही व्यक्ति बार-बार बिल चुका है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कभी भी बिल नहीं चुकाते इसीलिए अगर आप अपने समूह के साथ हैं तो बिल चुकाते समय ऐसा कभी ना जताएं कि आप यह बिल चुका रहे हैं बल्कि लोगों को ऐसा लगना चाहिए कि आप तो मित्रता के कारण ऐसा कर रहे हैं इससे आपके दोस्तों को अपने आप ही यह एहसास हो जाएगा कि आप अपने सिद्धांतों को लेकर काफी पक्के हैं और अगली बार से वह अपने आप ही बारी-बारी बिल देना शुरू कर देंगे इन गलतियों से बचकर

(1:31:28) रहे रूल नंबर 83 से 85 आपने कई बार ऐसे लोगों को देखा होगा जो पार्टियों में जाकर वहां मौजूद अपने प्रतिद्वंदी व्यक्ति से बहस या किसी लड़ाई झगड़े में उलझ जाते हैं ऐसे में उन दोनों व्यक्तियों के अलावा बाकी सभी लोगों का मूड खराब हो जाता है तो यदि आप भी लोगों के सामने अच्छा प्रभाव रखना चाहते हैं तो कभी भी इस तरह की जगह पर अपने व्यक्तिगत मामलों की बहस ना करें और अपनी पार्टी का मजा ले पार्टी के बाद अब बात आती है डाइनिंग टेबल की डाइनिंग टेबल पर कई बार कुछ लोग ऐसी बातें करते हैं जिससे वहां बैठे सभी लोगों के बीच सन्नाटा छा जाता है

(1:32:07) इसीलिए आप ऐसे लोगों में शामिल ना हो इसके लिए आपको हमारी यह तकनीक सीखनी चाहिए डाइनिंग टेबल पर कभी ऐसे मुद्दों पर बात नहीं करनी चाहिए जो आगे चलकर बहस में बदल सकते हैं उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति किसी खास विचारधारा को मानता हो तो उसकी विचारधारा सही है या गलत इस बारे में बात करने के लिए डाइनिंग टेबल एक सही जगह नहीं है मान लीजिए कि आपके ऑफिस का कोई दोस्त आपको बाजार या बीच रास्ते में मिल जाता है तो उस वक्त आपको उस व्यक्ति से क्या बात करनी चाहिए क्या आपको उससे बिजनेस के बारे में बात करनी चाहिए या उसकी सगाई और शादी

(1:32:44) के बारे में बात करनी चाहिए ऐसी स्थिति में हमारी 8वीं तकनीक आपको सिखाएगी कि जब भी आप किसी व्यक्ति से बेहद कम समय के लिए मिलते हैं तो आपकी बातचीत भी ऐसी होनी चाहिए जो बहुत कम समय तक चले ना कि शादी और बिजनेस जैसे गहरे विषय पर विषम परिस्थितियों का सामना रूल नंबर 86 और 87 आमतौर पर लोग ऐसी परिस्थितियों से बचने की कोशिश करते हैं जो उन्हें किसी परेशानी में डाल सकती हैं लेकिन यदि किसी दिन यही परिस्थितियां आपके सामने आ जाएं तो उस स्थिति में आपको क्या करना है हमारी अगली कुछ तकनीकें आपको यही सिखाएंगे कई बार ऐसा होता है कि किसी बहस के दौरान

(1:33:25) सामने वाला व्यक्ति आपकी बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं होता आप हर तरीके से उस जगह पर सही होते हैं लेकिन सामने वाला व्यक्ति आपको बोलने का मौका ही नहीं देता इस कारण आप अपनी बात को ठीक से नहीं रख पाते ऐसी परिस्थिति में आपको यह करना है कि जिस विषय पर आपकी बहस हो रही है सबसे पहले आपको उसके बारे में अच्छा खासा ज्ञान होना चाहिए उसके बाद सामने वाले व्यक्ति को जितना मर्जी हो उतना बोलने दीजिए और जब वो व्यक्ति बोलकर रुक जाए तब एक-एक करके उसकी सभी बातों का खंडन कीजिए इसी तकनीक के साथ आप उस बहस को जीत जाएंगे हर बहस का अगला

(1:34:02) पड़ाव होता है गुस्सा बहस के दौरान अक्सर दो लोगों में से कोई एक व्यक्ति गुस्सा कर बैठता है और यदि आपके सामने भी कोई व्यक्ति गुस्सा कर रहा है तो आप उसके गुस्से से खुद को कैसे बचाएंगे इसके लिए जब भी कोई व्यक्ति गु गुस्से में आपके सामने कुछ बोल रहा हो तो उस वक्त आप उसके सामने कुछ ना बोले उन्हें जो भी बातें बोलनी है उन्हें बोलने दीजिए फिर जैसे ही वह चुप हो जाए तब आप एकएक करके अपनी बात बतानी शुरू करें कि वह कैसे गलत हैं इससे उस व्यक्ति का गुस्सा भी ठंडा हो जाएगा और यदि आप किसी समूह के बीच हैं तो बाकी लोगों को भी यह पता चल जाएगा कि आप

(1:34:37) परिस्थिति को कितना बेहतर तरीके से संभालते हैं अतिरिक्त विशेष सलाहे रूल नंबर 88 से 92 अब तक आपने 87 तकनीकें सीख ली हैं यह सभी तकनीकें आपको ऐसा व्यक्ति बना सकती हैं जो जो हर प्रकार के व्यक्ति पर अपना प्रभाव दिखा सकता है जिसकी समूह के बीच पार्टी इत्यादि जगहों पर काफी प्रभावशाली छवि बने अब हम आपके लिए पांच ऐसी तकनीकें लाए हैं जो आपकी इन सभी 87 तकनीकों के साथ मिलकर चार चांद लगा देंगी इसमें सबसे पहली तकनीक आती है कि लोगों से कई मामलों में पीछे रहने के बावजूद आप कैसे लोगों को पसंद आ सकते हैं इसमें सबसे पहली सलाह यह है कि कभी भी

(1:35:20) लोगों की हर छोटी गलती पर उनकी आलोचना ना करें अपनी मस्ती के लिए कई बार लोग सामने वाले व्यक्ति की छोटी-छोटी बातों की आलोचना करने लग जाते हैं यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो वह व्यक्ति आपको अपनी नजरों में एक विशेष स्थान देगा कई बार आपका सामना कुछ बेहद ही चालबाज लोगों से हो सकता है वैसे तो ऐसे लोगों से जितना हो सके खुद को बचा कर रखना चाहिए लेकिन जब भी आपकी ऐसी लोगों से कुछ बहस हो जिसमें वह झूठ बोल रहे हो तो उन्हें उसी वक्त उस झूठ के बारे में ना बताएं जैसे ही वह चुप हो जाए तब बस एक ही वाक्य में उन्हें यह कहे कि आपकी यह

(1:35:56) बात झूट है और यह आपको मालूम है इससे सामने वाला व्यक्ति यह समझ जाएगा कि आपको इस बारे में जानकारी है और वह आपके साथ चालबाजी नहीं कर सकता अब बात करते हैं उस स्थिति की जब आपके सामने कोई सरकारी व्यक्ति या कोई भी ऐसा व्यक्ति मौजूद हो जो आपके काम आ सकता है उस वक्त अपना काम निकलवाने के लिए एक ऐसी तकनीक है जो आपको बहुत काम आ सकती है इसके लिए आपको यह करना है कि जब भी व व्यक्ति किसी और का काम कर रहे हो तो आप उसी वक्त हल्के शब्दों में उनकी



बुधवार, 21 अगस्त 2024

How To Stay Young And Fit Forever

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(10574) How To Stay Young And Fit Forever | 5 Secrets To LOOK YOUNGER Than Your Age | Shivangi Desai - YouTube

https://www.youtube.com/watch?v=4YbEZJJdZQQ


Transcript:

(00:00) If you like to stay young, then you must watch this video. Ageless body, timeless mind. My father gifted me this book. I was very young when I read this book. I didn't understand much, but I was mesmerized even at that time. Let me tell you some secrets in this book, which Dr. Deepak Chopra, the author of this book, has told.

(00:26) I will share them with you in simple language. Hi, my name is Shivangi Desai. I am an award winner health and nutrition coach. In this video, I will tell you 5 secrets that can stop or delay your age. I have learned these secrets from Dr. Deepak Chopra. He is a world renowned speaker. I am sure you have read his book or heard his name.

(00:58) He is so famous in every home. He is a pioneer when it comes to integrative medicine. He started personal transformation. He is a multiple times best selling author. He is a clinical professor at the University of California. Time magazine has given him the top 100 icons and heroes of the century. He has written more than 90 books.

(01:24) He has translated his books in 43 languages. We are fortunate that we can learn from him and stay healthy. We can stay fit from our mind and body. 99% of our diseases are not caused by old age. When I read this sentence, I realized that most people don't die because of old age. They die because their body stops working.

(02:07) They die because of malfunctioning organs or internal system. They die because of various diseases. This means that age and death are not related. Let me explain this in detail. Thousands of years ago, many people believed that we die because of old age. People grow old and die because they have seen other people getting older and dying.

(02:56) If you stop seeing people getting old, you will be able to keep your body healthy. People believe that losing weight is normal. People believe that wrinkles, dullness, skin elasticity, bones, and stamina are normal. After 30, the body starts catabolism. The breakdown stage of the body becomes fast. But this is only 1% of the age.

(04:00) 99% of the body is not related to age. This is only 1% of the body. We think that I am going to grow old. But there are some things in your body that are not old. These are your emotions. You can never grow old until you make your ego, self, mental state, personality, IQ, intelligence. Even a 20-year-old child who does not use his intelligence or creativity is not as young as he is.

(04:57) A person who is 80 years old can be so creative. He is still young. Your body is made of 70% water. We never say that old water is old salt. Because it is always fresh. Your body is always new. So why give importance to old age? There are 3 stages of your age. You can say 18, 50, 35 years old. There are 3 stages of your age.

(05:48) 1. Chronological age Chronological age means the age that goes by the date, day, calendar. So you were born in 1967, so the years from that date to now are chronological age. So you tell people that your age is not the right age. 2. Biological age This is the age of your body. Ronaldo's body is responding to the age of 35 years.

(06:41) So his biological age has changed due to different exercises and lifestyle. So according to the calendar, your age is different. So according to the calendar, your age is 30 years. But some people think 40 years. So that is biological and reverse is also possible. But the last one, which matters the most, is psychological age.

(07:08) Psychological age means how old or young you are. Some people are young, but they have become old from here. It doesn't mean anything. And even if you are very old, but if you are young from here, no one will be able to lift you. You can always be healthy if your psychological age is young. So see for yourself how much you count your age.

(07:40) If you want to control it psychologically and biologically, or if you want to delay aging, then the first secret formula you have to adopt is be in the present. This is such a powerful formula that I tell you. Be in the present. When we look at time, we think that only when we are in the past or in the future.

(08:08) If someone asks you what is the problem in the body, then there is nothing. If we remember the pain of the past or the fear of the future, then only the body has problems. Or life has problems. If you come in the present, then there is nothing. Because now this is the time. And what I said now is gone, that time was.

(08:32) But what is now, there is no problem in it. So remember this much, the more you live in the past and the future, the more you increase your aging. The more you live in the present, the more you will be young. The more you live in the present, the more you will be young. So if you are working in the kitchen, you are working in the office, or you are meeting with the boss.

(08:54) And you are remembering the fights of your home. Or you have to go somewhere in the future, or you have to plan, or you have to arrange money. Or how will you be able to attend that wedding, I don't know what. Whatever is the anxiety or fear of the future. If you are thinking about it, then remember that we are going away from youth and coming back to old age.

(09:18) The more we will be present, the more we will be young. So many reactions are happening in our body every second. And it depends on what you do right now. Or with that, an aging cell is nothing but a proof that that cell has forgotten what it is like to be young. But if it is reminded again, what is youth? So that aging cell that is getting old, it can also be young again.

(09:49) And finally, remember that stress memory or stress itself, both have the same reaction in the body. So if you are not actually stressed, but you are worried about and you are still doing it, your body will get old and sick. 133 0:10:07,043 --> 0:10:07,000 something old that has been bothering you for a long time.

(10:09) Old age is not just old age. So, if you keep thinking about any incident in the past, 136 0:10:19,000 --> 0:10:14,000 Old age means that your body is not able to work properly. then how will your body react? It will react negatively. Although it is not actual stress, it is just a memory of your stress.

(10:31) If you can understand this much, then you will realize that forgetting the past will make you more young. The more you hold on to the past, the more your body will get away from youth. So remember this. The last one is simple. There is nothing else in your cells, but the memory of your past. I will give you a practical example.

(10:58) You must have seen different organ transplants. In this book, Ageless Body, Timeless Mind, Dr. Deepak Chopra has given an amazing example. There are many examples, but this is one of them. There was a lady who had a heart transplant. After the heart transplant, she had different feelings and dreams in which she had different behaviors.

(11:25) For example, she never liked beer or McDonald's. But after the heart transplant, she was craving for beer. She wanted to eat different things from McDonald's. Why? She didn't understand that she didn't like it before. She had different experiences. When she found out about organ donation, she found out that the person who had a heart transplant liked beer a lot.

(12:09) She was experiencing different things because she was interested. Heart organ has collected the memory of the past. When the same organ was inserted into someone else's body, it started giving similar memories or thoughts. So, you are understanding that what you think is not just going out, but is also being stored in your body.

(12:48) But how to be present? Let me give you a practical idea. We have heard this word so much that we take it lightly. But if you talk about this word all your life, it will be less because it is such a powerful thing. Meditation is a process where you forget the fear of the past, anxiety or future. You come in the now.

(13:22) The more a person can meditate, the more he stops his age. The saint you heard about, he did penance for so many years, closed his eyes and connected with himself, and got different knowledge. He was not like that. He knew that this is the real power. If you want to meditate, you can watch some of my videos on YouTube.

(13:50) I have a powerful meditation of 15-20 minutes that you can do to relieve stress. But normally, there is nothing in meditation. Just close your eyes and focus on your breath. And feel that I am alive, I am grateful. Or you are looking at me now. So you should not think of anything else in your mind. If you are watching me, understanding this video, and taking this knowledge inside, then it means you are doing meditation.

(14:17) If you play with a child, it is a meditation. When you see the sun, it is a meditation. When you walk, your focus is on walking. That is meditation. Now it is going the other way round. When we are at home, we think about office. We think about home. Or the person you are talking to, you are not paying attention to him.

(14:35) You are just saying yes. But maybe you are thinking about something else in your mind. Or about someone else. Basically, meditation means it brings you to the present. Try to follow that. The second is, whatever experiences you are having, remember that experience makes your body. I will explain to you how.

(14:55) Whatever experiences we have with everyone, we store that experience somewhere in our body. But this experience is not what happens with you. This experience is such that the reaction you give in front of that experience, it means we create our body by getting different experiences. Now see, let's say someone had an accident with you.

(15:21) Now how does he take that accident? What response does he give? He will decide what will be the effect on his body. For example, someone had an accident. And if he is very stressed and anxious, and always thinks about the accident, then it will negatively damage the body. But if he starts listening or understanding that yes, there was an accident, whatever was to happen today, it happened.

(15:47) And then he forgets that memory. Then that experience will not have a negative effect. Someone insulted you. This is an experience. But in the experience, the response you gave was that it's okay, his state of mind will be bad. It's okay, you forget. You don't have that memory in your mind that someone insulted you.

(16:05) This means your response was very good. It will not affect the body. But if you still have something in your heart that someone said to you five years ago, then it means that the insult that actually happened, it did not do so much harm. But the five years you have kept this thing in your heart or tied it, the damage that is happening because of it is many times more.

(16:26) That is bad. So we have to change the response that is happening around you, the things, situations or people you are getting, you cannot control them. But you can control your response. And when it is positive, the body will remain young. Third is believe, believe that you are healthy. Whether it is diabetes, arthritis, PCOD, even cancer, you know, most of the time I meet a cancer patient.

(16:54) Or someone has a heart attack. When I meet them, the worst thing that I see is that their desire to live goes away. Because they feel like nothing can happen to me now and I have to live like this. Belief will work very powerfully there. If you want to keep any person alive, you give him anything, why not give him magical medicine, he will not be able to live until this word leaves his life.

(17:22) And that is belief. Yes, I can be fine. And I have to live, there is a desire. Until this is not done, maybe no one can help that person. That's why I want to tell you why you are not in any state. Any disease or obesity or the medicines you are taking, why not anything. Start believing that you are already healthy.

(17:43) Start believing that you are already a fit person. Because remember, early retirement, death. If you have not heard this word, this is a phrase. Early retirement means death. Many surveys tell that when a person retires, then his death, the one that was about to come, chances are it will happen a little early.

(18:04) Why do you know this? Because when a person takes retirement, there are chances in his mind that he will give this message that my useful days, the working days, have gone. So when this feeling came, it means he tied this in his mind that yes, now no useful day is going to come. So he is just waiting in a way that when will the call of death come and it will happen and come.

(18:29) So basically, what does this mean? Believe, believe, believe that you are healthy, you are fit, you will always be fit. And start believing that even if you are 40 or 50 years old, but whenever someone asks, then ask whatever age you want. When someone asks me my age, I say 18 years old because I am mentally 18 years old or rather young.

(18:52) So the younger you keep your age, the more your body age is not going to be seen. You can change the physiological age or biological age by changing it to a psychological age. Fourth secret, be flexible. See what does this mean? You can see this. This tree is very rigid. Which does not move, does not bend, when the storm comes, then that tree falls.

(19:23) But you must have seen such trees that can bend. When they bend with the wind, then when the wind goes, the storm goes, then they can come back too. But this is not taking the name of moving that why should I change, I will stay like this. So people who are very rigid, they are blocked. I say it should be like this.

(19:43) Perfection, I said it did not happen, it means gone. He is gone, he himself is gone, the other one is gone too. But whenever a person is like this, it means that his age can increase more than necessary. Why? Because he does not change with time. He is not going with the flow. will you eat? He likes everything.

(20:04) If you give him any clothes, he will be happy with it. He will be happy with any gift you give him. Some people even give gifts, so why did you give red color, why 375 0:20:11,000 --> 0:20:02,438 But you must have seen that if you ask a person anything, what not yellow? So much rigidness, right? So you have to be flexible in life.

(20:22) Understand the approach of the other person. Understand the life of the other person. His life and your life are different, so not everyone can behave like you. So whatever challenges are coming in your life, situations are coming, people are coming. Become like them, like Krishna. Shri Krishna always spoke like a boy to a boy, like a male.

(20:47) And when he spoke to a female in a feminine quality, he became like the person in front of him. He was like water, whatever you put in the vessel, it became like that. When you become like that, automatically your age will be less. The last one is to remain active. This is secret number 5, it is written 4 here, but it is 5.

(21:09) You have to remain active. What does active mean? See, when you can do different types of exercises throughout the day, walk, jog, running, escaping, cycling, anything can happen. But mainly when you remain active during the whole day, it delays the loss of your muscles. It also prevents the weakening of your bones.

(21:35) Because remember one rule, that is use it or lose it. You can use anything or lose it. We have not used the tail for years, now we do not know that tail. Similarly, if we just sit, we do not use the body. And the one who does not use it, he gets loose. You can call it bones, muscle, stamina, endurance or strength.

(22:00) But use strength, stamina, muscle, automatically you will be active. That's why in my different programs, I make you do exercises, or give you knowledge of food, or how to do a healthy lifestyle, when I teach you all these things, the purpose is that through a healthy lifestyle, you can leave your age even 30 years behind.

(22:28) Can you imagine? It means that a 60-year-old person can take 30 years, if he follows a healthy lifestyle. That is why it is important that we follow a healthy lifestyle. Finally, remember that people do not grow old, but when they stop growing, they grow old. So basically what it means is that when you stop learning, stop growing your life, including physical body, mental, emotional body, then our age, chronological or physiological age, increases.

(23:04) So keep learning, and I am very happy if you are a learner. If you are a learner, you can never grow old. Because people who keep learning, keep growing. And people who keep growing never become old. So congratulations to you. But let me tell you, just remember this, every day when you wake up in the morning, or whenever you remember, just say this, I am getting younger and fitter every day.

(23:30) I am getting younger and fitter every day. Every day I am getting fit and getting younger. Even if you say it is a lie, but this will reduce the psychological age. Because of that, your biological age is also going to be reduced. I am sure that the things I have told you in the video, Dr.

(23:51) Deepak Chopra's learnings that I have learned from the ageless body, timeless mind, I would love that you tell me in the comment below, how did you like this video? And if you have not subscribed to Fit Bharat Mission, then do subscribe. Don't forget to click on the bell button, so that you don't miss the interesting videos I bring, and you get the notification.

(24:12) And along with that, I would love to know, what would you like to know from me in the next video. I thank you from the bottom of my heart, the lovely comments you keep making, it matters a lot. Thank you so much. I will see you soon.


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કાયમ યુવાન અને ફિટ કેવી રીતે રહેવું | તમારી ઉંમર કરતાં વધુ યુવાન દેખાવાના 5 રહસ્યો | શિવાંગી દેસાઈ - YouTube

https://www.youtube.com/watch?v=4YbEZJJdZQQ


ટ્રાન્સક્રિપ્ટ:

(00:00) જો તમને યુવાન રહેવાનું પસંદ હોય, તો તમારે આ વિડિયો અવશ્ય જોવો. વય વિનાનું શરીર, કાલાતીત મન. મારા પિતાએ મને આ પુસ્તક ભેટમાં આપ્યું હતું. જ્યારે મેં આ પુસ્તક વાંચ્યું ત્યારે હું ખૂબ નાનો હતો. હું બહુ સમજી શક્યો ન હતો, પરંતુ તે સમયે પણ હું મંત્રમુગ્ધ હતો. ચાલો હું તમને આ પુસ્તકના કેટલાક રહસ્યો જણાવું, જે આ પુસ્તકના લેખક ડૉ. દીપક ચોપરાએ જણાવ્યું છે.

(00:26) હું તેમને તમારી સાથે સરળ ભાષામાં શેર કરીશ. હાય, મારું નામ શિવાંગી દેસાઈ છે. હું એવોર્ડ વિજેતા આરોગ્ય અને પોષણ કોચ છું. આ વીડિયોમાં, હું તમને 5 રહસ્યો જણાવીશ જે તમારી ઉંમરને રોકી શકે છે અથવા વિલંબિત કરી શકે છે. મેં આ રહસ્યો ડૉ. દીપક ચોપરા પાસેથી શીખ્યા છે. તેઓ વિશ્વ વિખ્યાત વક્તા છે. મને ખાતરી છે કે તમે તેનું પુસ્તક વાંચ્યું હશે કે તેનું નામ સાંભળ્યું હશે.

(00:58) તે દરેક ઘરમાં ખૂબ પ્રખ્યાત છે. સંકલિત દવાની વાત આવે ત્યારે તે અગ્રણી છે. તેણે વ્યક્તિગત પરિવર્તન શરૂ કર્યું. તે અનેક વખત બેસ્ટ સેલિંગ લેખક છે. તે કેલિફોર્નિયા યુનિવર્સિટીમાં ક્લિનિકલ પ્રોફેસર છે. ટાઇમ મેગેઝિને તેમને સદીના ટોચના 100 આઇકોન અને હીરો આપ્યા છે. તેમણે 90 થી વધુ પુસ્તકો લખ્યા છે.

(01:24) તેમણે તેમના પુસ્તકોનો 43 ભાષાઓમાં અનુવાદ કર્યો છે. અમે ભાગ્યશાળી છીએ કે અમે તેમની પાસેથી શીખી શકીએ છીએ અને સ્વસ્થ રહી શકીએ છીએ. આપણે આપણા મન અને શરીરથી ફિટ રહી શકીએ છીએ. આપણા 99% રોગો વૃદ્ધાવસ્થાને કારણે થતા નથી. જ્યારે મેં આ વાક્ય વાંચ્યું, ત્યારે મને સમજાયું કે મોટાભાગના લોકો વૃદ્ધાવસ્થાને કારણે મૃત્યુ પામતા નથી. તેઓ મૃત્યુ પામે છે કારણ કે તેમનું શરીર કામ કરવાનું બંધ કરે છે.

(02:07) અંગો અથવા આંતરિક સિસ્ટમની ખામીને કારણે તેઓ મૃત્યુ પામે છે. તેઓ વિવિધ રોગોને કારણે મૃત્યુ પામે છે. આનો અર્થ એ છે કે ઉંમર અને મૃત્યુનો કોઈ સંબંધ નથી. ચાલો હું આને વિગતવાર સમજાવું. હજારો વર્ષો પહેલા, ઘણા લોકો માનતા હતા કે આપણે વૃદ્ધાવસ્થાને કારણે મરીએ છીએ. લોકો વૃદ્ધ થાય છે અને મૃત્યુ પામે છે કારણ કે તેઓએ અન્ય લોકોને વૃદ્ધ થતા અને મરતા જોયા છે.

(02:56) જો તમે લોકોને વૃદ્ધ થતા જોવાનું બંધ કરશો, તો તમે તમારા શરીરને સ્વસ્થ રાખી શકશો. લોકો માને છે કે વજન ઘટાડવું સામાન્ય છે. લોકો માને છે કે કરચલીઓ, નીરસતા, ત્વચાની સ્થિતિસ્થાપકતા, હાડકાં અને સહનશક્તિ સામાન્ય છે. 30 પછી, શરીરમાં અપચય શરૂ થાય છે. શરીરના ભંગાણનો તબક્કો ઝડપી બને છે. પરંતુ આ ઉંમરના માત્ર 1% છે.

(04:00) 99% શરીર વય સાથે સંબંધિત નથી. આ શરીરના માત્ર 1% છે. અમને લાગે છે કે હું વૃદ્ધ થવા જઈ રહ્યો છું. પરંતુ તમારા શરીરમાં કેટલીક વસ્તુઓ એવી છે જે જૂની નથી. આ તમારી લાગણીઓ છે. જ્યાં સુધી તમે તમારો અહંકાર, સ્વ, માનસિક સ્થિતિ, વ્યક્તિત્વ, IQ, બુદ્ધિમત્તા નહીં બનાવો ત્યાં સુધી તમે ક્યારેય વૃદ્ધ થઈ શકતા નથી. 20 વર્ષનું બાળક પણ જે પોતાની બુદ્ધિમત્તા કે સર્જનાત્મકતાનો ઉપયોગ નથી કરતો તે તેના જેટલો યુવાન નથી હોતો.

(04:57) 80 વર્ષની વ્યક્તિ આટલી સર્જનાત્મક હોઈ શકે છે. તે હજુ યુવાન છે. તમારું શરીર 70% પાણીથી બનેલું છે. આપણે ક્યારેય એવું નથી કહેતા કે જૂનું પાણી જૂનું મીઠું છે. કારણ કે તે હંમેશા તાજી રહે છે. તમારું શરીર હંમેશા નવું હોય છે. તો વૃદ્ધાવસ્થાને કેમ મહત્વ આપવું? તમારી ઉંમરના 3 તબક્કા છે. તમે 18, 50, 35 વર્ષ કહી શકો છો. તમારી ઉંમરના 3 તબક્કા છે.

(05:48) 1. કાલક્રમિક યુગ કાલક્રમિક વય એટલે તારીખ, દિવસ, કેલેન્ડર દ્વારા પસાર થતી ઉંમર. તેથી તમારો જન્મ 1967 માં થયો હતો, તેથી તે તારીખથી અત્યાર સુધીના વર્ષો કાલક્રમિક વય છે. તો તમે લોકોને કહો કે તમારી ઉંમર યોગ્ય ઉંમર નથી. 2. જૈવિક ઉંમર આ તમારા શરીરની ઉંમર છે. રોનાલ્ડોનું શરીર 35 વર્ષની ઉંમરને જવાબ આપી રહ્યું છે.

(06:41) તેથી વિવિધ કસરતો અને જીવનશૈલીને કારણે તેની જૈવિક ઉંમર બદલાઈ ગઈ છે. તેથી કેલેન્ડર મુજબ, તમારી ઉંમર અલગ છે. તો કેલેન્ડર મુજબ તમારી ઉંમર 30 વર્ષ છે. પરંતુ કેટલાક લોકો 40 વર્ષ માને છે. તેથી તે જૈવિક છે અને વિપરીત પણ શક્ય છે. પરંતુ છેલ્લું, જે સૌથી મહત્વપૂર્ણ છે, તે મનોવૈજ્ઞાનિક વય છે.

(07:08) મનોવૈજ્ઞાનિક ઉંમરનો અર્થ થાય છે કે તમે કેટલા વૃદ્ધ છો કે યુવાન છો. કેટલાક લોકો જુવાન છે, પણ અહીંથી વૃદ્ધ થઈ ગયા છે. તેનો કોઈ અર્થ નથી. અને ભલે તમે ઘણા વૃદ્ધ હો, પરંતુ જો તમે અહીંથી યુવાન છો, તો તમને કોઈ ઉપાડી શકશે નહીં. જો તમારી મનોવૈજ્ઞાનિક ઉંમર નાની હોય તો તમે હંમેશા સ્વસ્થ રહી શકો છો. તો તમે તમારી ઉંમર કેટલી ગણો છો તે તમે જ જુઓ.

(07:40) જો તમે તેને મનોવૈજ્ઞાનિક અને જૈવિક રીતે નિયંત્રિત કરવા માંગતા હો, અથવા જો તમે વૃદ્ધત્વમાં વિલંબ કરવા માંગતા હો, તો તમારે પ્રથમ ગુપ્ત સૂત્ર અપનાવવું પડશે તે વર્તમાનમાં છે. આ એક શક્તિશાળી સૂત્ર છે જે હું તમને કહું છું. વર્તમાનમાં રહો. જ્યારે આપણે સમયને જોઈએ છીએ, ત્યારે જ વિચારીએ છીએ કે જ્યારે આપણે ભૂતકાળમાં કે ભવિષ્યમાં હોઈએ છીએ.

(08:08) જો કોઈ તમને પૂછે કે શરીરમાં શું સમસ્યા છે, તો કંઈ નથી. ભૂતકાળની પીડા કે ભવિષ્યના ડરને યાદ કરીએ તો શરીરને જ તકલીફ થાય છે. અથવા જીવનમાં સમસ્યાઓ છે. વર્તમાનમાં આવો તો કંઈ નથી. કારણ કે હવે આ સમય છે. અને મેં જે કહ્યું તે હવે ગયો, તે સમય હતો.

(08:32) પરંતુ હવે જે છે, તેમાં કોઈ સમસ્યા નથી. તેથી આટલું યાદ રાખો, તમે ભૂતકાળ અને ભવિષ્યમાં જેટલું જીવશો, તેટલું જ તમારી વૃદ્ધાવસ્થામાં વધારો થશે. તમે જેટલા વર્તમાનમાં જીવશો તેટલા જ તમે યુવાન થશો. તમે જેટલા વર્તમાનમાં જીવશો તેટલા જ તમે યુવાન થશો. તેથી જો તમે રસોડામાં કામ કરી રહ્યા છો, તમે ઓફિસમાં કામ કરી રહ્યા છો, અથવા તમે બોસ સાથે મુલાકાત કરી રહ્યાં છો.

(08:54) અને યો

આવી રીતે આવ્યા. જ્યારે તમે એવા થશો ત્યારે આપોઆપ તમારી ઉંમર ઓછી થઈ જશે. છેલ્લું એક સક્રિય રહેવાનું છે. આ ગુપ્ત નંબર 5 છે, તે અહીં 4 લખાયેલ છે, પરંતુ તે 5 છે.

(21:09) તમારે સક્રિય રહેવું પડશે. સક્રિયનો અર્થ શું છે? જુઓ, જ્યારે તમે દિવસભર વિવિધ પ્રકારની કસરતો કરી શકો છો, ચાલવું, જોગ કરવું, દોડવું, ભાગવું, સાયકલ ચલાવવું, કંઈપણ થઈ શકે છે. પરંતુ મુખ્યત્વે જ્યારે તમે આખો દિવસ સક્રિય રહો છો, ત્યારે તે તમારા સ્નાયુઓના નુકશાનમાં વિલંબ કરે છે. તે તમારા હાડકાંને નબળા પડતાં પણ અટકાવે છે.

(21:35) કારણ કે એક નિયમ યાદ રાખો, તે છે તેનો ઉપયોગ કરો અથવા તેને ગુમાવો. તમે કંઈપણ વાપરી શકો છો અથવા તેને ગુમાવી શકો છો. અમે વર્ષોથી પૂંછડીનો ઉપયોગ કર્યો નથી, હવે અમને તે પૂંછડીની ખબર નથી. એ જ રીતે, જો આપણે ફક્ત બેસીએ, તો આપણે શરીરનો ઉપયોગ કરતા નથી. અને જે તેનો ઉપયોગ નથી કરતો તે છૂટી જાય છે. તમે તેને હાડકાં, સ્નાયુ, સહનશક્તિ, સહનશક્તિ અથવા શક્તિ કહી શકો.

(22:00) પરંતુ તાકાત, સહનશક્તિ, સ્નાયુનો ઉપયોગ કરો, આપોઆપ તમે સક્રિય થઈ જશો. તેથી જ મારા જુદા જુદા કાર્યક્રમોમાં હું તમને કસરત કરાવું છું, અથવા તમને ખોરાક વિશે જ્ઞાન આપું છું, અથવા તંદુરસ્ત જીવનશૈલી કેવી રીતે કરવી, જ્યારે હું તમને આ બધી બાબતો શીખવીશ ત્યારે તેનો હેતુ એ છે કે તંદુરસ્ત જીવનશૈલી દ્વારા તમે તમારી ઉંમર છોડી શકો છો. 30 વર્ષ પણ પાછળ.

(22:28) શું તમે કલ્પના કરી શકો છો? તેનો અર્થ એ છે કે 60 વર્ષની વ્યક્તિ જો સ્વસ્થ જીવનશૈલીનું પાલન કરે તો તેને 30 વર્ષ લાગી શકે છે. એટલા માટે એ મહત્વનું છે કે આપણે સ્વસ્થ જીવનશૈલીનું પાલન કરીએ. છેલ્લે, યાદ રાખો કે લોકો વૃદ્ધ થતા નથી, પરંતુ જ્યારે તેઓ વધવાનું બંધ કરે છે, ત્યારે તેઓ વૃદ્ધ થાય છે. તેથી મૂળભૂત રીતે તેનો અર્થ એ છે કે જ્યારે તમે શીખવાનું બંધ કરો છો, શારીરિક શરીર, માનસિક, ભાવનાત્મક શરીર સહિત તમારા જીવનનો વિકાસ કરવાનું બંધ કરો છો, તો પછી આપણી ઉંમર, કાલક્રમિક અથવા શારીરિક ઉંમર વધે છે.

(23:04) તેથી શીખતા રહો, અને જો તમે શીખનાર છો તો મને ખૂબ આનંદ થશે. જો તમે શીખનાર છો, તો તમે ક્યારેય વૃદ્ધ થઈ શકતા નથી. કારણ કે જે લોકો શીખતા રહે છે, તેઓ વધતા રહે છે. અને જે લોકો વધતા રહે છે તે ક્યારેય વૃદ્ધ થતા નથી. તો તમને અભિનંદન. પણ હું તમને કહી દઉં કે, બસ આટલું જ યાદ રાખજો, રોજ સવારે ઉઠો ત્યારે, કે જ્યારે પણ યાદ આવે ત્યારે એટલું જ કહો, હું દરરોજ નાનો અને ફિટ થઈ રહ્યો છું.

(23:30) હું દરરોજ નાનો અને ફિટ થઈ રહ્યો છું. દરરોજ હું ફિટ થઈ રહ્યો છું અને યુવાન થઈ રહ્યો છું. ભલે તમે કહો તે જુઠ્ઠું છે, પરંતુ આનાથી મનોવૈજ્ઞાનિક ઉંમર ઘટશે. તેના કારણે તમારી જૈવિક ઉંમર પણ ઓછી થવા જઈ રહી છે. મને ખાતરી છે કે મેં તમને વિડિયોમાં જે વાતો કહી છે તે ડૉ.

(23:51) દીપક ચોપરા પાસેથી જે શીખવા મળ્યું છે તે હું અમર શરીર, કાલાતીત મનથી શીખ્યો છું, મને ગમશે કે તમે મને નીચેની કોમેન્ટમાં જણાવો, તમને આ વિડિયો કેવો લાગ્યો? અને જો તમે ફિટ ભારત મિશન માટે સબ્સ્ક્રાઇબ કર્યું નથી, તો સબ્સ્ક્રાઇબ કરો. ઘંટડીના બટન પર ક્લિક કરવાનું ભૂલશો નહીં, જેથી તમે મારા દ્વારા લાવવામાં આવેલ રસપ્રદ વિડિયોને ચૂકી ન જાઓ અને તમને સૂચના મળે.

(24:12) અને તેની સાથે, મને એ જાણવાનું ગમશે કે, આગામી વિડિયોમાં તમે મારી પાસેથી શું જાણવા માગો છો. હું મારા હૃદયના તળિયેથી તમારો આભાર માનું છું, તમે જે સુંદર ટિપ્પણીઓ કરો છો, તે ઘણું મહત્વનું છે. તમારો ખૂબ ખૂબ આભાર. હું તમને જલ્દી મળીશ.


ધ પાવર ઓફ નાઉન

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Ebook from India...Old book 4 all. you can donate only 10 us dollars for Bhavnagar s poor children's help. ==================================================================================================================================================== =आज हम एक ऐसी बुक में गहराई से डूबेंगे जो हमारे अस्तित्व के सार और समय तथा जीवन की हमारी धारणा को चुनौती देती है सोचिए कि हर पल को इतनी पूर्णता से जीने का क्या मतलब है कि अतीत और भविष्य अब आपके दिमाग पर हावी नहीं होते सोचिए कि अब में शांति और संतोष कैसे पाया जा सकता है यही एकट टोले हमें द पावर ऑफ नाव में खोजने के लिए आमंत्रित करते हैं इस बुक सुमरी में मैं टोले की शिक्षाओं से निकलने वाले परिवर्तनकारी अंतर्दृष्टि को उजा करूंगा जो यह बताते हैं कि हम समय की सीमाओं से कैसे बच सकते हैं अतीत के दर्द से कैसे पार पा सकते हैं और प्रेजेंट को सच्चे (00:39) प्रबोधन के रास्ते के रूप में कैसे अपना सकते हैं चाहे आप शांति की तलाश में हो या अपने आंतरिक स्व की गहरी समझ की इस पुस्तक में गहन अंतर्दृष्टि है तो अगर आप अपने जीवन को बदलने के लिए तैयार हैं तो सुनते रहिए क्योंकि हम द पावर ऑफ नाउ को कैसे हानस करें और क्यों यह क्षण जो आप अभी जी रहे हैं वही सब कुछ है जो आपके पास है इसे समझेंगे अंत तक अवश्य बने रहिए ताकि ना केवल मुख्य अवधारणाओं को समझ सकें बल्कि इन शिक्षाओं को अपने दैनिक जीवन में कैसे व्यावहारिक रूप से लागू करें यह भी जान सकें एकट टोले ने अपने जीवन के अधिकांश हिस्से को अवसाद और संकट से जूझते हुए (01:18) बिताया 29 वर्ष की आयु में वह अक्सर आधी रात को जागते थे खुद को बिल्कुल बेकार महसूस करते हुए और यह विश्वास करते हुए कि अब जीने का कोई उद्देश्य नहीं है इन रातों के दौरान अंधकार में एक ट्रेन की दूर की आवाज गूंजती थी वह अब किसी भी चीज से प्रेम या लगाव महसूस नहीं कर पाते थे इस अंधकार के बीच एक विचार उन्हें बार-बार सताता था मैं ऐसा क्यों जी रहा हूं जैसे कि मैं केवल जीवित रहने के लिए जी रहा हूं एक विशेष रूप से भयावह रात जब उनके भीतर एक भीषण तूफान छाया हुआ था तोले ने सब कुछ छोड़कर हमेशा के लिए गायब हो जाने का मन बना लिया एक ऐसी जगह से जहां कोई वापस (01:59) नहीं आता वह इसे और सहन नहीं कर पा रहे थे और गहरे दुख में डूबे हुए थे कुछ भी उनके दिल में खालीपन को भरने में सफल नहीं हो रहा था ना परिवार ना मित्र ना उनका काम वह उस अंधकार की ओर खींच रहे थे जो उन्हें पुकार रहा था अगले दिन सुबह जब टोले जागे उन्होंने अपनी खिड़की के बाहर एक छोटी चिड़िया की चहचहाहट सुनी यह एक आवाज थी जिसे उन्होंने पहले कभी नहीं सुना था धीरे से अपनी आंखें खोलते हुए उन्होंने देखा कि खिड़की से गर धूप भीतर आ रही थी और उनके चेहरे पर इसकी गर्मी महसूस हो रही थी अचानक सब कुछ बेहतर लगने लगा उनकी आंखों में आंसू भर गए क्योंकि उन्होंने अपने (02:40) कमरे और इसमें हर चीज को देखा जो उन्हें पहले कभी वास्तव में नजर नहीं आई थी अपने जीवन में पहली बार टोले अपने घर के बाहर टहलने निकले और उन्हें सब कुछ सुंदर और जीवन से भरपूर लगा जैसे कि उनका पुनर्जन्म हुआ हो उस दिन से उन्होंने रोज पार्क जाना शुरू कर दिया एक बेंच पर बैठकर उन्होंने अपने आप आसपास की सुंदरता का आनंद लेना शुरू कर दिया पेड़ हवा छोटे जानवर और धूप हालांकि वह अकेले थे लेकिन टोले को गहरा सुख महसूस हुआ जल्द ही लोग उनके पास आने लगे और पूछने लगे आपकी खुशी का रहस्य क्या है हम भी आपकी तरह खुश रहना चाहते हैं हमें क्या करना चाहिए इस पर टोले जवाब (03:21) देते खुशी आपके भीतर है बस आपका मन इतना शोर से भरा है कि आप इसे सुन नहीं पाते आप भविष्य की चिंताओं में या अतीत की पछतावोगे कि प्रेजेंट पल में कैसे जिया जाए आप अपने प्रेजेंट जीवन और अपने आसपास की सुंदर दुनिया की सराहना करना सीखेंगे जीवन में सभी कड़वाहट और दर्द को समाप्त करने का एक तरीका है भय और क्रोध पर काबू पाना उतना कठिन नहीं है जितना यह लगता है इस सारांश को पढ़कर आप सीखेंगे कि अपनी समस्याओं का सामना कैसे करें और अपने जीवन में शांति कैसे लाएं अगर एट टोले जीवित रह सकते हैं और अपने जीवन को बदल सकते हैं तो आप क्यों (04:15) नहीं कर सकते आप अपने मन नहीं है एक बार एक भिखारी था जो 30 साल से फुटपाथ पर बैठा था एक सुबह जब एक अजनबी वहां से गुजरा तो भिखारी ने अपनी टोपी बढ़ाकर कहा साहब क्या आप कुछ चेंज दे दे सकते हैं मेरे पास कोई पैसा नहीं है अजनबी ने जवाब दिया मेरे पास तुम्हें देने के लिए कोई पैसा नहीं है उसने देखा कि भिखारी एक पुराने डिब्बे पर बैठा है यह क्या है उसने पूछा यह सिर्फ एक डिब्बा है यह यहां लंबे समय से है भिखारी ने जवाब दिया क्या तुमने कभी इसे खोलकर देखा है कि इसके अंदर क्या है अजनबी ने पूछा इसका क्या मतलब यह शायद खाली है भिखारी ने कहा हालांकि जब अजनबी ने जोर (04:57) दिया तो भिखारी ने डिब्बे को खोलने का निर्णय लिया इसकी उम्र के कारण डिब्बा खोलना मुश्किल था लेकिन प्रयास करने के बाद भिखारी ने इसे खोल लिया आश्चर्य चकित होकर उसने पाया कि वह डिब्बा जिस पर वह इतने सालों से बैठा था सोने से भरा हुआ था यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि कई तरीकों से हम सभी उस भिखारी की तरह हैं हम बाहरी दुनिया में देखते हैं कभी भी अपने भीतर देखने का प्रयास नहीं करते हम बाहर खुशी की तलाश करते हैं और हमें सभी को प्रे प्र और सुरक्षा की आवश्यकता होती है लेकिन हम अक्सर भूल जाते हैं कि हमारे भीतर एक खजाना है एक ऐसा खजाना जिसे कोई (05:37) और प्रदान नहीं कर सकता तो यह असली खजाना क्या है यह हमारे भीतर की शांति का अनुभव है यह हमें जैसे हैं वैसे ही स्वीकार करने के बारे में है अपने सच्चे स्वभाव से संतुष्ट होना और प्रेजेंट में खुशी से जीना अतीत की पछतावोगे [संगीत] आप इस खजाने की खोज कर लेंगे तो आप बाहरी दुनिया की झूठी चमक से कभी भी मोह नहीं करेंगे आप अपने भीतर इतने संतुष्ट होंगे कि दुनिया आपको पूरी तरह से अलग दिखाई देगी ना अतीत से कोई दुख होगा और ना भविष्य की चिंता असली सोना आपके भीतर है बस एक क्षण निकालकर अंदर देखें दर्द से बाहर निकलने का रास्ता क्या है आप उस (06:24) बॉक्स को कैसे खोलेंगे जो आपके पास है आप अपने भीतर छिपे सोने को कैसे निकालेंगे सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि आप परेशान क्यों हैं ऐसा क्या है जो आपको जीने से रोक रहा है आपके दर्द और दुख के स्रोत क्या हैं आपको अपने दुख के कारणों का पता लगाना होगा कल्पना कीजिए कि यदि दुनिया में केवल जानवर और पौधे होते तो क्या अतीत या भविष्य होते क्या समय जैसे अवधारणा भी मौजूद होती क्या एक ईगल पूछेगा कि अब क्या समय हुआ है या क्या एक ओक का पेड़ सोचेगा कि आज की तारीख क्या है वास्तव में समय और तारीख पौधों और जानवरों के लिए मायने नहीं रखती वे अतीत या भविष्य (07:04) की चिंता नहीं करते वे प्रेजेंट क्षण में जीते हैं सोचिए कि बिना पछतावे और चिंताओं के जीना कितना अद्भुत है दुखों और चिंताओं से मुक्त होना यह वही है जिसका मतलब है प्रेजेंट में जीना कुछ ऐसा जिसे हम भूल गए हैं हमें प्रेजेंट का आनंद लेना चाहिए अतीत के बोझ और भविष्य की चिंताओं को छोड़ देना चाहिए लेकिन क्या यह संभव है हम इंसान हैं और हमारे प्रयासों के बावजूद हम अपने अतीत को आसानी से नहीं भूल सकते हमारे दिमाग हमें भविष्य के बारे में डराते हैं और हमें नियंत्रित करते हैं हम अक्सर अपनी समस्याओं में इतने उलझे होते हैं कि अपने प्रेजेंट की सराहना नहीं कर (07:42) पाते और यही हमारे दुख का असली कारण है हम खुद अपने जीवन में दुख को आमंत्रित करते हैं आप कह सकते हैं कि प्रेजेंट में कुछ भी अच्छा नहीं है केवल दर्द और समस्याएं हैं लेकिन क्या यह वास्तव में सच है शायद जब आप यह कहते हैं तो आप अतीत से प्रभावित होते हैं हालांकि आपको अतीत को छोड़ देना चाहिए और प्रेजेंट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए इसे जैसा है वैसा ही स्वीकार करें और अपने आज को सुधारें इसे अपने दुश्मन के रूप में नहीं बल्कि अपने मित्र के रूप में सोचे इसे अपनाने का प्रयास करें और देखें कि यह आपके जीवन को कैसे बदलता है अब मैं (08:21) गहराई से डूबना क्या आपने कभी सोचा है कि लोग कार रेसिंग या पर्वतारोहण जैसी गतिविधियों का आनंद क्यों लेते हैं क्योंकि वे प्र क्षण में महसूस करते हैं क्या यह अजीब नहीं है कि लोगों को प्रेजेंट क्षण का अनुभव करने के लिए विशिष्ट गतिविधियों की आवश्यकता होती है इसीलिए वे अक्सर खुश रहने के अवसरों की तलाश करते हैं एक जैन मास्टर ने एक बार अपने छात्रों से पूछा इस क्षण में क्या गायब है छात्रों ने गहराई से सोचते हुए एक विराम लिया यह वही शांति थी जो शोर के बीच खोजना मुश्किल है यह एक साधारण अभ्यास है जो किसी को शांत रखता है इसका मतलब है कि (09:01) आपको शांति और सुंदरता को महसूस करने के लिए ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने की आवश्यकता नहीं है चाहे आप काम पर जा रहे हो या शहर में घूम रहे हो आपने शायद कई पेड़ों को पार किया होगा शायद आपने उन्हें मुश्किल से ही देखा होगा क्योंकि हम अक्सर अपनी समस्याओं में खो जाते हैं यदि संभव हो तो कुछ देर के लिए एक पेड़ के नीचे बैठने की कोशिश करें आराम करें या अपने खिड़की के बाहर एक पेड़ को करीब से देखें आपको कुछ अलग महसूस होगा आप देखेंगे कि यह पेड़ कितने चमकीले और रंगीन है आपके कार्यस्थल या घर के किसी भी चित्र से पूरी तरह से अलग भले ही कुछ समय के लिए इन क्षणों को (09:40) महसूस करें पेड़ों से ताजी हवा में सांस लें आप महसूस करेंगे कि आपका मन शांत हो गया है जो समस्याएं आपके मन को कुछ समय पहले तक घेर रही थी वे अस्थाई रूप से गायब हो गई हैं आपके भीतर एक शांति है जब आप सुबह उठते हैं और सोचते हैं काश मैं कहीं दूर जा सकता तो वास्तव में आप अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं और आपका मन अनेक विचारों से भरा हुआ है आप उन चीजों के बारे में चिंतित होते हैं जिन्हें आपको हासिल करना है और उस क्षण में आपके मन में केवल यही सवाल होता है कि अगली खुशी या उत्साह का अवसर कब आएगा आपके पसंदीदा भोजन का स्वाद कब (10:18) मिलेगा आप अगली रोमांचक गतिविधि में कब भाग लेंगे आप कब उस व्यक्ति से मिलेंगे जो आपकी जिंदगी को पूरा करेगा लेकिन जब तक आप इंतजार करते हैं आप आज की छोटी खुशियों का आनंद लेना भूल जाते हैं आप अपने आसपास नहीं देखते बल्कि भविष्य के विचारों में खोए रहते हैं यही कारण है कि हम कभी पूरी तरह से संतुष्ट महसूस नहीं करते अब से बचने के लिए मन की रणनीतियां मनोवैज्ञानिक कार्ल जंग ने एक बार एक मूल अमेरिकी जनजाति के नेता के साथ बातचीत की जनजाति के प्रमुख ने टिप्पणी की कि श्वेत लोग अक्सर स्वभाव में क्रूर और नेगेटिव लगते हैं जैसे कि उन्हें हमेशा किसी चीज की (10:58) जरूरत होती है मानो उनके जीवन से कुछ मौलिक गायब है उन्होंने देखा कि वे अक्सर बेचैन और अस्थिर दिखाई देते हैं जैसे कि वे लगातार कुछ खोज रहे हैं आप कभी-कभी खुद को इस कहानी में वर्णित श्वेत लोगों की तरह महसूस कर सकते हैं लेकिन क्या आपने कभी एक मिनट के लिए रुककर खुद से पूछा है क्या मैं इस क्षण पूरी तरह से शांत हूं अक्सर हमारे विचार पूरी तरह से हावी हो जाते हैं वे हमें हमारे प्रेजेंट का आनंद लेने से रोकते हैं आगे बढ़ने से पहले मैं आप सभी को हमारे इस बुक पाथ हिंदी चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए धन्यवाद कहता हूं चलिए समरी में आगे बढ़ते हैं पहला कारण है (11:37) कड़वाहट आपके काम किसी व्यक्ति या स्थिति के प्रति कड़वाहट हम अक्सर काम में अभिभूत महसूस करते हैं या किसी सहकर्मी से चिड़ते हैं यह भावनाएं हमारे भीतर कड़वाहट पैदा करती हैं लेकिन इन नेगेटिव भावनाओं को पालने का कोई फायदा नहीं है आप नेगेटिव बने रहने का जोखिम नहीं उठा सकते बेहतर है कि स्थिति को बदलने का प्रयास करें जो भी आपको परेशान कर रहा है उसका समाधान करें यह आपके हाथ में है कि जाकर संबंधित व्यक्ति के साथ खुलकर मुद्दों पर चर्चा करें या जो आपको परेशान करता है उसे रोकने का प्रयास करें आपके पास नेगेटिव बनने से खुद को रोकने की शक्ति है यह आपके कंधों (12:17) पर भारी वजन उठाने जैसा है इसे बस गिरा दीजिए जब भी आप नेगेटिव महसूस करें तुरंत अपने दिल से उस नेगेटिव होता को बाहर निकालें और नई शुरुआत करें शिकायत करने के बजाय अपने बो का वजन कम करें वास्तव में अपने जीवन से अनावश्यक चीजों को हटाना और अपनी स्थिति को नियंत्रित करना उतना कठिन नहीं है जितना यह लगता है दूसरा कारण है निष्क्रियता यदि कोई स्थिति आपको दुखी करती है तो आपके पास इसे बदलने या स्वीकार करने की शक्ति है आप अपने गलत निर्णयों से भी सीख सकते हैं आपके पास तीन विकल्प हैं छोड़ना बदलना या स्वीकार करना आप एक स्थिति को स्वीकार करने का चुनाव कर सकते (12:58) हैं जैसा कि कि कई लोग करते हैं जो भविष्य से खुशी की उम्मीद रखते हैं लेकिन वास्तव में खुशी प्राप्त करने के लिए आपको उस चीज के लिए आभारी होना चाहिए जो आपके पास है कल्पना कीजिए कि आप एक पंक्ति में हैं और पीछे के लोग शिकायत कर रहे हैं और चिढ़ रहे हैं लेकिन आप शांत रहते हैं जब आपकी बारी आती है और उपस्थित व्यक्ति देरी के लिए माफी मांगता है तो आप कह सकते हैं कोई बात नहीं मुझे इंतजार करने में कोई दिक्कत नहीं हुई मैं बस अपने समय का आनंद ले रहा था यह मन की रणनीतियां इस बात को उजागर करती हैं कि नेगेटिव पर काबू पाना केवल (13:38) अलग तरह से प्रतिक्रिया देने के बारे में नहीं है बल्कि वास्तव में प्रेजेंट का आनंद लेने और उसमें खुशी पाने के बारे में भी है चाहे सरकमस्टेंसस कैसी भी हो उपस्थित रहने की स्थिति अब अपनी आंखें बंद करें और ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें अपने आप से पूछें मेरा अगला विचार क्या होगा एक नए विचार की प्रतीक्षा में सतर्क रह जो किसी भी क्षण आपके मन में प्रकट हो सकता है जैसे एक बिल्ली चूहे के लिए इंतजार कर रही हो आप देखेंगे कि नए विचार की प्रतीक्षा में आप सतर्क रहते हैं और इंतजार करते हैं क्योंकि आप अब में हैं अब की स्थिति इस क्षण में उपस्थिति की (14:17) स्थिति में कोई अन्य विचार नहीं आते ना कोई चिंता ना कोई पछतावा फिर जैसे ही आपका ध्यान घटने लगता है और आपकी सतर्कता कम होने लगती है आपके मन में फिर से शांति उत्पन्न होती है और शांति फिर से बाधित हो जाती है आप फिर से प्रेजेंट दुनिया में लौट आते हैं जैन मास्टर अपने छात्रों को पीछे से लकड़ी की छड़ी से चौका कर उपस्थिति की स्थिति सिखाते हैं अगर कोई छात्र ध्यान नहीं दे रहा है या व्यस्त है तो वे अचानक प्रतिक्रिया करेंगे लेकिन जो छात्र सतर्क होते हैं वे जेन मास्टर की उपस्थिति का अनुमान लगाते हैं और उसके लिए तैयार रहते हैं इसलिए वे किसी भी अचानक (14:58) हमले से खुद को बचा सकते हैं अगर आप उपस्थित और सतर्क नहीं है अगर आप अपनी चेतना में गहराई से नहीं डूबते हैं तो आपके विचार आपको नदी में तैरती छड़ी की तरह खींचते रहेंगे गहराई से जुड़े होने का मतलब है अपने शरीर और मन पर पूरी तरह से नियंत्रण होना अपने परिवेश और आंतरिक शरीर के प्रति पूरी तरह से जागरूक होना आप अपने आंतरिक शरीर से कैसे जुड़ते हैं एक बार फिर अपनी आंखें बंद करें और आराम करें री सांस ले अपने शरीर को अपने मन की आंखों से देखें प्रत्येक सांस के साथ अपने सीने के उठने और गिरने का निरीक्षण करें क्या आपको कुछ महसूस हो रहा है क्या आपको लगता है कि (15:42) आप इस क्षण में जी रहे हैं क्या आपको अपने शरीर की शक्ति का एहसास हो रहा है क्या आपको पता चल रहा है कि आप ऊर्जा का एक मजबूत स्रोत हैं यह करने के बाद आपको एहसास होगा कि आप कितनी क्षमता रखते हैं आपका आंतरिक शरीर निराकार और असीमित है फिर भी आप की शक्ति को पूरी तरह से समझ नहीं सकते प्रत्येक धर्म चाहे वह पूर्व का हो या पश्चिम का हमें सिखाता है कि हमें उपवास करना चाहिए और शारीरिक सुखों से जितना संभव हो सके दूर रहना चाहिए इसका मतलब है कि कुछ धार्मिक प्रथाएं शरीर की मांगों के खिलाफ लड़ने की कोशिश करती हैं कुछ धर्म बाहर शरीर अनुभवों की भी बात (16:22) करते हैं जहां हम अपने भौतिक रूप से परे जा सकते हैं इस तरह की प्रथाएं प्रबोधन प्रदान कर सकती हैं लेकिन लंबे समय तक नहीं क्योंकि अंततः हमें अपने शरीर में वापस लौटना पड़ता है हालांकि वास्तविक परिवर्तन शरीर से दूरी बनाने के बारे में नहीं है बल्कि इसे स्वीकार करने के बारे में है धार्मिक प्रथाएं आपको शरीर के बाहर प्रबोधन की तलाश करने के लिए सिखाती हैं आप इसे बाहरी रूप से खोजने के लिए निकलते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि हम अपने आंतरिक शरीर के माध्यम से सत्य तक पहुंच सकते हैं अपने आंतरिक शरीर को जानने से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है चाहे (17:05) आपकी बाहरी शरीर की ताकत कम हो जाए आपका आंतरिक शरीर हमेशा युवा और जीवंत रहेगा भले ही आप 80 साल के हो आपका आंतरिक शरीर हल्का और ऊर्जा से भरपूर महसूस करेगा अपने आंतरिक शरीर को जानने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत रहती है क्योंकि आप अपने शरीर के अंदर हो रही हर चीज के प्रति जागरूक रहते हैं आप बुरी आदतों या नेगेटिव प्रभावों का शिकार नहीं बनेंगे आप खुद को गुस्से डर या अवसाद से बचा सकते हैं यह समझ इस बात को उजागर करती है कि सच्ची शक्ति और शांति अंदर से आती है ना कि बाहरी स्रोतों या प्रभावों से अप्रकृतिक प्राणी में बहती है और फिर वापस ब्रह्मांड (17:56) में चली जाती है जब हम अपने आंतरिक शरीर में गहराई से डूबते हैं तो हम इस ऊर्जा प्रणाली के साथ मिल जाते हैं छी नदी की तरह बहती है जबकि अपक स्थिर रहता है जब आप स्वप्न हीन नींद का अनुभव करते हैं तो आप अप्रकृतिक [संगीत] बंधनों से मुक्त होते हैं और [संगीत] अप्रकृतिक होते हैं उतना ही आप इसे सराह सकते हैं सुबह सूर्योदय देखिए नदी के किनारे बैठिए और उसकी धारा को देखिए रात के आकाश को देखिए या आग की सुनहरी लपटों को देखिए यह अनुभव आपको अविश्वसनीय शांति दे सकते हैं जब आप प्रकृति का निरीक्षण करते हैं तो आपका मन पूरी तरह से स्वतंत्र (18:57) होता है आप समय का ट्रैक खो देते हैं उससे गुलाम नहीं होते आप इस क्षण में उपस्थित रहते हैं और इसे गहराई से महसूस करते हैं इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपने आप को प्रकृति के सामने आत्मसमर्पण करना सीखें अपने भीतर से उन चीजों को हटा दें जो आपको प्रेजेंट क्षण का आनंद लेने से रोकती हैं इस क्षण को आत्मसमर्पण करें और आप अधिक जीवंत महसूस करेंगे एक और अभ्यास जो आप कर सकते हैं वह है कुछ समय के लिए अपना सेलफोन बंद करना इस समय में कोई आप आपको परेशान ना करें इस बात का ध्यान रखें आराम से बैठें और गहरी सांस लें अपने आंतरिक शरीर को महसूस करें सोचिए मत बस महसूस (19:38) करें अपनी ऊर्जा अपनी आभा को महसूस करें इस क्षण को आत्मसमर्पण करें जब हम इतनी गहराई से डूबते हैं तो एक बिंदु आता है जब आंतरिक और बाहरी शरीर के बीच का भेद मिट जाता है आप उस ऊर्जा के साथ एक हो जाते हैं जो पूरे ब्रह्मांड में बहती है प्रबुद्ध रिश्ते एक पुरुष और महिला मिलते हैं और एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं उससे मिलने के बाद पुरुष को पूर्णता का एहसास होता है जब भी वे मिलते ऐसा लगता जैसे वे दुनिया में केवल दो लोग थे जैसे वे एक हो गए थे महिला भी गहराई से प्यार करती थी और बहुत खास महसूस करती थी शुरू में उनका रिश्ता परिपूर्ण प्रतीत होता था (20:17) हालांकि पुरुष धीरे-धीरे मांग करने वाला हो गया अपनी प्रेमिका के लिए अपनी भावनाओं के कारण वह अधीर हो गया डरने लगा कि वह उसे छोड़ देगी महिला भी जलन और अधिकार की भावना महसूस करने लगी वह उसे नियंत्रित करने और दोष देने लगी शुरू में उनका रिश्ता प्यार से भरा था लेकिन जल्द ही दरारें उभरने लगी और उनका रिश्ता प्रेम घृणा का रूप लेने लगा वे एक दूसरे को चोट पहुंचाते और फिर वापस एक साथ आते और इस तरह उनका रिश्ता अधिक दर्दनाक हो गया खुशी की जगह दर्द ने ले ली और अंततः वे अलग हो गए तो क्या कभी सच्चा प्यार था या यह सिर्फ आकर्षण था दोनों एक दूसरे के प्रति (20:56) उसी तरह से आदी थे जैसे कुछ लोग भोजन शराब या ड्रग्स के प्रति होते हैं जब आप किसी को केवल अपने दर्द को दूर करने या अपने अंदर की खाली जगह को भरने के लिए चाहते हैं तो ऐसे रिश्ते विफल हो जाते हैं एक बार उत्साह खत्म हो जाने के बाद इसके बाद का दुख और दर्द गहरा होता है तो एक प्रबुद्ध रिश्ता क्या बनाता है हम किसी के साथ हमेशा खुश कैसे रह सकते हैं इसका सरल उत्तर है उन्हें पूरी तरह से स्वीकार करना जैसा कि वे हैं उनकी सभी खामियों और गुणों के साथ उन्हें बदलने की कोशिश ना करें उनके सच्चे स्वभाव को स्वीकार करें किसी को बदलने की कोशिश करना सभी दर्द का मूल (21:37) कारण है इसीलिए स्वीकार्यता हमें एक अधिक प्यार खुश और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है लेकिन सच्चा प्यार कब होता है अगर कोई अकेला है बिना साथी के क्या वह सच्चे प्यार का अनुभव नहीं कर सकता क्या प्यार केवल किसी दूसरे व्यक्ति के साथ ही संभव है और अपने आप से नहीं सच्चा प्यार हम सब सभी के भीतर छुपा होता है इसे कहीं और तलाशने की जरूरत नहीं है सच्चा प्यार प्रेजेंट में जीना खुद से और अपने आसपास की हर चीज से प्यार करना है यही सच्चा प्यार है और यह इसलिए सच है क्योंकि सच्चा प्यार कभी नहीं छोड़ता या नफरत में बदलता सच्चा प्यार हमेशा के लिए (22:18) जीता है खुशी और दुख के परे शांति होती है एक बूढ़ा आदमी गंभीर रूप से अपने मृत्यु शैया पर लेटा हुआ है मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहा है अपनी स्थिति की गंभीरता के के बावजूद उसने किसी भी गंभीर उपचार या सर्जरी को अस्वीकार कर दिया उसका लंबा उत्पादक करियर रहा कई लोगों की मदद की और बहुत कुछ हासिल किया अपने अंतिम क्षणों में उसके रिश्तेदार और करीबी दोस्त उसे देखने आए उसके पास बैठकर रोते हुए फिर भी वह पूरी तरह से शांत रहा केवल वह ही वास्तव में समझ सकता था कि वह किस दर्द को सहन कर रहा है बड़ी शांति के साथ उसने उन लोगों को देखा जो उसे देखने आए थे और फिर (22:59) चुपचाप अपनी आंखें बंद कर ली और गहरी अनंत नींद में चला गया यह कहानी हमें क्या बताती है क्या मृत्यु हमेशा दर्दनाक होती है क्या हमें इससे डरना चाहिए आप निश्चित रूप से कैसे कह सकते हैं कि कुछ वास्तव में पॉजिटिव या नेगेटिव है कई लोग अपनी गलतियों विकलांगता हों और नुकसान के लिए आभारी होते हैं क्या आप जानते हैं क्यों क्योंकि वे मानते हैं कि नेगेटिव सरकमस्टेंसस उनके सबसे बड़े शिक्षक हैं अपनी चेतना के माध्यम से उन्होंने जीव की नेगेटिव स्थितियों को पॉजिटिव में बदल दिया है जब आप प्रेजेंट में जीते हैं तो कोई पॉजिटिव या नेगेटिव नहीं होता आप (23:36) चीजों को जैसे हैं वैसे ही स्वीकार करते हैं आप बुरी स्थितियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते यह दावा करके कि सब कुछ सही है क्योंकि आप चीजों को होने देते हैं जैसे बूढ़े आदमी ने अपनी मृत्यु को स्वीकार कर लिया और बिना किसी डर या पछतावे के शांति से इस दुनिया को छोड़ दिया उसकी मृत्यु के समय उसके चेहरे पर शांति थी अब मान ली दीजिए कि आप एक सुबह ट्रैफिक के कारण ऑफिस देर से पहुंचते हैं आप ट्रैफिक सामने के ड्राइवरों को दोष देते हैं आप कहते हैं कि आपके पास बहुत काम है इतना दबाव है कि आप अपने परिवार के साथ समय भी नहीं बिता सकते (24:14) घड़ी टिक रही है और आपका बॉस इंतजार कर रहा है आपका मन परेशान है और आप आराम नहीं कर सकते आपको क्या करना चाहिए क्या आपको घबराना चाहिए बिल्कुल नहीं यह नाटक एक मिनट में खत्म हो सकता है अपनी सीट पर जाएं गहरी सांस लें और सांस छोड़ें कुछ देर तक गहरी सांस लेते रहे यह आपको आराम देगा सब कुछ भूल जाएं और अपने सामने के काम पर ध्यान केंद्रित करें आपके कार्य एक-एक करके पूरे होने लगेंगे जो किया जाना चाहिए उसे अभी करें और जो इंतजार कर सकता है उसे जाने दें बाइबल की एक कहावत के अनुसार कल की चिंता मत करो क्योंकि कल अपने आप की चिंता करेगा आत्मसमर्पण का (24:56) अर्थ आत्मसमर्पण का मतलब है कि अभी क्या हो रहा है उसे बिना किसी डर गुस्सा या कड़वाहट के स्वीकार करना इसका मतलब है कि प्रेजेंट में जीवन को जैसा है वैसा ही स्वीकारना सीखना जब चीजें गलत होने लगती हैं तो आपको आत्म समर्पण करना सीखना चाहिए ऐसे क्षणों में आप नेगेटिव हुए बिना स्थितियों का समाधान पा सकते हैं उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप कीचड़ में फंस गए हैं आत्मसमर्पण का मतलब कीचड़ में फंसे रहना नहीं है इसका मतलब है स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना आपको स्वीकार करना चाहिए कि आप फंस गए हैं और आपको बाहर निकलने की जरूरत है यही वास्तविकता है (25:38) हालांकि दूसरों को दोष देना या गुस्सा होना गलत होगा क्योंकि इससे आपको कोई फायदा नहीं होगा विचार करें कि आप रात में घने कोहरे में चल रहे हैं दृश्यता खराब है लेकिन आपके पास एक शक्तिशाली टॉर्च है जो आपको आगे बढ़ने में मदद करती है यह स्थिति जीवन के समान है घना कोहरा जीवन की चुनौतीपूर्ण स्थितियों का प्रतीक है लेकिन आपके हाथ में टॉर्च आपकी चेतना है जो आपको आगे बढ़ने में मदद करती है इस शक्तिशाली रोशनी के साथ चलना आसान हो जाता है यह आपको मार्गदर्शन करती है और आप अपने रात के सफर का आनंद लेते हैं जब हम अपनी स्थितियों के सामने आत्मसमर्पण करने से (26:21) इंकार करते हैं तो दुनिया नेगेटिव लगने लगती है आप हमेशा डरते रहते हैं कि आगे क्या होगा अगर को कोई बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाए आप हर किसी पर शक करने लगते हैं यहां तक कि खुद पर भी जिससे आपके शारीरिक शरीर पर असर पड़ता है आप खुद को बीमार जैसा महसूस करते हैं जब भी आप खुद को ऐसे कोहरे में खोया हुआ पाते हैं तो याद रखें कि आपके भीतर एक शक्तिशाली टॉर्च है आप कह सकते हैं कि जीवन में बहुत कुछ है लेकिन हम कहते हैं कि केवल उस पर ध्यान दें जो तुरंत आपके सामने है आज पर ध्यान दें इसे पूरी तरह आत्मसमर्पण करें और स्वीकार करें फिर कार्रवाई करें आत्मसमर्पण का विपरीत (27:02) है प्रतिरोध जिसमें दोषारोपण पछतावा और भय शामिल है यह भावनाएं आपको और अधिक नेगेटिव बनाती हैं उन्हें नियंत्रित करना बेहतर है नेगेटिव भावनाओं को अपने पास ना आने दें केवल जब आप पूरी तरह से सचेत होते हैं तभी आप सर्वोत्तम समाधान के बारे में सोच सकते हैं इस क्षण में आप शायद अपने माता-पिता समाज अपनी परिस्थितियों को दोष दे रहे हैं और अपने सभी गलत निर्णयों के बारे में सोच रहे हैं आप सोच सकते हैं कि यह अब आपका जीवन है और कुछ भी बदल नहीं सकता आपकी समस्याएं अजय लगती हैं लेकिन रुको पहले एक गहरी सांस लो आपको आत्मसमर्पण करना चाहिए (27:44) खुद से कहे मैं कीचड़ में फंस गया हूं लेकिन मैं बाहर निकलूंगा और हार नहीं मानूंगा फिर आप अपने पैर हिलाना शुरू करते हैं और सीधे खड़े होने की कोशिश करते हैं जल्द ही आप खुद को कीचड़ से बाहर पाते हैं ब इतना ही लगा इसलिए कोशिश करें कि प्रेजेंट में ज और हमेशा खुश रहे इस पुस्तक में आपने अब की शक्ति के बारे में सीखा अब आप अतीत को भूल सकते हैं और प्रेजेंट का आनंद ले सकते हैं भविष्य की चिंताओं से दूर रहे और अपने प्रेजेंट में खुश रहे जो आपके पास आज है उसका पूरा उपयोग करें जो आज मौजूद है वही है जो आपके पास वास्तव में नियंत्रण में है वह खजाना (28:26) जिसे आप वर्षों से खोज रहे थे हमेशा आपके भीतर रहा है इसलिए आज से अपने गुणों को पहचानना शुरू करें जो आपके पास है उसके लिए आभारी रहे यह संभव है कि आप जीवन में कई चुनौतियों का सामना करेंगे लेकिन एक बार जब आप उन्हें स्वीकार करना सीख लेंगे तो हर कठिनाई को संभालना आसान हो जाएगा सही मानसिकता के साथ आप किसी भी समस्या का सामना कर सकते हैं याद रखें आप एक महान नदी में एक छोटी धारा है आप इस ब्रह्मांड का हिस्सा है इसलिए आज से प्रेजेंट में जीना सीखें और ना केवल अपने जीवन को बल्कि दूसरों के जीवन को भी शांतिपूर्ण बनाएं इस ज्ञानवर्धक यात्रा के साथ अब की शक्ति के (29:10) माध्यम से मेरे साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद मुझे आशा है कि आपको इस समरी में मूल्यवान अंतर्दृष्टि मिली होगी जो आपको प्रेजेंट क्षण को अपनाने और खुशी और दुख की द्वैत से परेशां खोजने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको यह सारांश सहायक लगा और अब की शक्ति के बारे में गहराई से जानने की इच्छा है धन्यवाद =================================================================================================================================== આજે આપણે એક પુસ્તકમાં ઊંડા ઉતરીશું જે આપણા અસ્તિત્વના સારને અને સમય અને જીવનની આપણી ધારણાને પડકારે છે તે વિશે વિચારો કે દરેક ક્ષણને એટલી સંપૂર્ણ રીતે જીવવું કે ભૂતકાળ અને ભવિષ્ય હવે તમારા મન પર પ્રભુત્વ ન મેળવી શકે અને કેવી રીતે શાંતિ મેળવવી આ પુસ્તકના સારાંશમાં ટોલે આપણને જે શોધવા માટે આમંત્રિત કરે છે તે જ છે, જે ટોલેના ઉપદેશોમાંથી આવે છે જે દર્શાવે છે કે આપણે કેવી રીતે મર્યાદાઓથી બચી શકીએ છીએ. ભૂતકાળની પીડાને કેવી રીતે દૂર કરવી અને વર્તમાનને સાચા અર્થમાં સ્વીકારવું. (00:39) તેને પ્રબુદ્ધતાના માર્ગ તરીકે કેવી રીતે લેવું, પછી ભલે તમે શાંતિ શોધી રહ્યાં હોવ અથવા તમારા આંતરિક સ્વની ઊંડી સમજ, આ પુસ્તકમાં ગહન આંતરદૃષ્ટિ છે તેથી જો તમે તમારા જીવનમાં પરિવર્તન લાવવા માટે તૈયાર હોવ તો સાંભળતા રહો ધ પાવર ઓફ નાઉનો ઉપયોગ કેવી રીતે કરવો અને આ ક્ષણમાં તમે કેમ જીવી રહ્યા છો તે વિશે જાણવા માટે તમારી પાસે જે કંઈ છે તે છે તે માત્ર મુખ્ય વિભાવનાઓને સમજવા માટે જ નહીં પરંતુ આ પાઠોને લાગુ કરવા માટે પણ ખાતરી કરો તમારું રોજિંદું જીવન એકત ટોલે તેમના મોટા ભાગના જીવન માટે હતાશા અને ચિંતા સાથે સંઘર્ષ કરે છે. (01:18) 29 વર્ષની ઉંમરે તે ઘણી વાર મધ્યરાત્રિમાં જાગી જતો હતો અને માનતો હતો કે હવે જીવવાનો કોઈ હેતુ નથી અંધકારમાં ટ્રેનનો દૂરનો અવાજ તે સાંભળી શકતો નથી આ અંધકાર વચ્ચે લાંબા સમય સુધી કોઈ પણ વસ્તુ પ્રત્યે પ્રેમ અથવા આસક્તિનો અનુભવ થાય છે, એક વિચાર તેને વારંવાર ત્રાસ આપે છે કે હું શા માટે જીવી રહ્યો છું જાણે કે હું ફક્ત ટકી રહેવા માટે જ જીવું છું એક ખાસ કરીને ભયાનક વિચાર તે રાત્રે, જ્યારે તેની અંદર એક ભયંકર તોફાન ઊભું થઈ રહ્યું હતું, ત્યારે ટોલે તેની રચના કરી. બધું જ છોડી દેવાનું અને એવી જગ્યાએથી હંમેશ માટે અદૃશ્ય થવાનું મન થાય છે જ્યાંથી કોઈ પાછું ન આવે. (01:59) તે વધુ સમય સુધી સહન ન કરી શક્યો અને તેના હૃદયમાં ખાલીપણું ભરવામાં કોઈ સફળ રહ્યું ન હતું, ન તો તે અંધકાર તરફ ખેંચાયો હતો ટોલ જાગી ગયો અને તેણે તેની બારીમાંથી એક નાનકડો પક્ષીનો અવાજ સાંભળ્યો જે તેણે પહેલા ક્યારેય સાંભળ્યો ન હતો. જેમ તેમ તેમ તેની આંખોમાં આંસુ ભરાઈ ગયા (02:40) ટોલેએ રૂમ અને તેમાંની દરેક વસ્તુ જોઈ જે તેણે ખરેખર પહેલાં ક્યારેય જોઈ ન હતી, તોલે તેના જીવનમાં પ્રથમ વખત તેના ઘરની બહાર ફરવા ગયો અને બધું જ સુંદર અને જીવનથી ભરેલું લાગ્યું જાણે તેનો પુનર્જન્મ થયો હોય. તે દિવસે તે દરરોજ એક બેન્ચ પર બેસીને તેની આસપાસની સુંદરતા, ઝાડ, હવા, નાના પ્રાણીઓ અને સૂર્યપ્રકાશનો આનંદ માણવા લાગ્યો અને પૂછવા લાગ્યો કે તારી ખુશીનું રહસ્ય શું છે, અમે પણ તારી જેમ ખુશ રહેવા માંગીએ છીએ, શું કરીએ? (03:21) ખુશી તમારી અંદર છે, તે ફક્ત એટલું જ છે કે તમે તેને સાંભળી શકતા નથી કે તમે ભૂતકાળ વિશે ચિંતિત થશો કે વર્તમાનમાં કેવી રીતે જીવવું? તમે તમારા વર્તમાન જીવન અને તમારી આસપાસની સુંદર દુનિયા પર ધ્યાન કેન્દ્રિત કરી શકશો નહીં તમારી સમસ્યાઓનો સામનો કેવી રીતે કરવો અને તમારા જીવનમાં શાંતિ કેવી રીતે મેળવવી તે શીખો જો એટ ટોલે ટકી શકે અને તમારું જીવન બદલી શકે તો તમારે શા માટે કરવું જોઈએ (04:15) તમે કરી શકતા નથી, એક સમયે એક ભિખારી હતો જે 30 વર્ષથી ફૂટપાથ પર બેઠો હતો, જ્યારે એક અજાણી વ્યક્તિ ત્યાંથી પસાર થઈ રહી હતી કહ્યું, સાહેબ, તમે મને થોડો બદલો આપી શકો છો મારી પાસે પૈસા નથી, અજાણી વ્યક્તિએ જવાબ આપ્યો કે મારી પાસે તમને આપવા માટે પૈસા નથી, તેણે ભિખારીને એક જૂની પેટી પર બેઠેલો જોયો, તેણે પૂછ્યું કે તે માત્ર એક બોક્સ છે? ભિખારીએ જવાબ આપ્યો કે તમે તેને ખોલીને અંદર શું જોયું છે તેનો અર્થ શું છે, "તે કદાચ ખાલી છે," ભિખારીએ કહ્યું, (04:57) જ્યારે ભિખારીએ બોક્સ ખોલવાનું નક્કી કર્યું ત્યારે તેની ઉંમરને કારણે તેને ખોલવું મુશ્કેલ હતું, પરંતુ ભિખારીએ તેને ખોલ્યું તો તેને આશ્ચર્ય થયું કે તે જે બોક્સ પર હતો આટલા વર્ષો સુધી બેસીને સોનામાં ફેરવાઈ ગઈ હતી દરેકને પ્રેમ કરવો પડશે અને આપણને રક્ષણની જરૂર છે પરંતુ આપણે ઘણીવાર ભૂલી જઈએ છીએ કે આપણી અંદર એક ખજાનો છે, જે કોઈ શોધી શકતું નથી. (05:37) અને જો આપણે તે પ્રદાન કરી શકતા નથી, તો તે આપણી અંદરની શાંતિનો અનુભવ છે કે આપણે આપણા સાચા સ્વભાવથી સંતુષ્ટ છીએ તે ભૂતકાળ વિશે છે [સંગીત] એકવાર તમે આ ખજાનો શોધી લો, પછી તમે તમારી અંદર એટલા સંતુષ્ટ થશો કે વિશ્વ તમને સંપૂર્ણપણે અલગ દેખાશે .ભૂતકાળની કોઈ ઉદાસી નહીં હોય, ભવિષ્યની ચિંતા નહીં હોય, અસલી સોનું તમારી અંદર છે, જરા એક ક્ષણ કાઢી જુઓ, દુઃખમાંથી બહાર નીકળવાનો રસ્તો શું છે? (06:24) તમારી પાસે જે બોક્સ છે તે કેવી રીતે ખોલવું અને તમારી અંદર છુપાયેલ સોનું કેવી રીતે મેળવવું

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

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અષ્ટાંગયોગ પ્રથમ પરિચય પુસ્તિકા

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